रिमझिम अंदाज में बरस रहे बादल, तेज बारिश की बाट जोह रहा गुना
रिमझिम अंदाज में बरस रहे बादल, तेज बारिश की बाट जोह रहा गुना

रिमझिम अंदाज में बरस रहे बादल, तेज बारिश की बाट जोह रहा गुना

गुना, 10 अगस्त (हि.स.)। मौसम पानीदार है, पानी की दरकार है। बारिश को लेकर गुनावासी इन दिनों यहीं पंक्तियां गुनगुनाने में लगे हुए है। सही भी है आसमान पर बादल बने हुए है और वह कभी रिमझिम तो कभी फुहारों के रुप में बरस भी रहे है, किन्तु तेज बारिश की उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही है। बारिश का 50 फीसद से भी ज्यादा समय निकल चुका है, किन्तु अभी भी गुना तेज बारिश की बाट ही जोह रहा है। स्थिति इस हद तक खराब है कि लग रहा है कि गुना धीरे-धीरे जैसे सूखे की ओर ही बढ़ रहा हो। अब तक औसत बारिश की महज 40 फीसद बारिश ही हो पाई है। सावन पूरा सूखा बीत चुका है तो भादौ के दिन भी लगातार निकलते जा रहे है, किन्तु मानसून है कि जैसे गुना से रुठा हुआ है। हालांकि चिंता की इस घड़ी में राहत देने वाली खबर मौसम विभाग की तरफ से आ रही है। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। आषाढ़ ने बांधी उम्मीद, सावन सूखा, निकल रहा भादौ गौरतलब है कि मानसून ने इस बार समय पर दस्तक दी थी। इसके साथ ही जोरदार बारिश भी हुई थी। जून माह में जो बारिश हुई थी, उसने बेहतर मानसून को लेकर काफी उम्मीदें जगाई थीं। मौसम विभाग ने भी तत्समय कुछ ऐसे ही संकेत दिए थे, किन्तु जुलाई माह लगते ही बारिश ने जो मुँह फेरा तो अब तक मानसून जिले से रुठा हुआ है। पूरा सावन माह तो सूखा ही निकल गया और इस दौरान बारिश ने शगुन करना भी जरुरी नहीं समझा। इसके बाद भादौ लगा तो साफ आसमान पर पानी से भरे काले बादल छाने लग गए। जिससे लोगों को बेहतर मानसून को लेकर फिर उम्मीद बंधी। इस उम्मीद को और बल तब और मिला। जब बादलों ने रिमझिम बारिश करने के साथ ही फुहारें बरसाना शुरु कर दी। खाली पड़े हुए है तालाब, नदियां भी थमीं बारिश का समय लगातार निकलता जा रहा है। क्षेत्र में 14 जून से लेकर 30 सितंबर तक का समय मानसून का माना गया है। इससे से आधे से ज्यादा समय निकल चुका है।अब सिर्फ डेढ़ माह का समय मानसून का बचा हुआ है, किन्तु अब तक मानसून सीजन की 40 फीसद बारिश ही हो पाई है। इसमें भी तेज बारिश का झोंका नहीं आ पाया है। जानकारों के मुताबिक जिस तरह रिमझिम और फुहारें पड़ रहीं है। उससे फसलों को तो नया जीवन मिल गया है, किन्तु तालाब नहीं भर पाए है तो नदियों की गति भी थमी हुई है। जिले के रामपुर, बडिय़ांनाला, गोपीकृष्ण सागर, राजीव सागर आदि सभी बांध खाली पड़े हुए है तो सिंध नदी में भी पानी नहीं आ पाया है। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in