राष्ट्र समर्पण चरित्र में चरितार्थ हो: शर्मा
राष्ट्र समर्पण चरित्र में चरितार्थ हो: शर्मा

राष्ट्र समर्पण चरित्र में चरितार्थ हो: शर्मा

गुना, 05 अक्टूबर (हि.स.)। व्यक्तित्व विकास के लिए तीन मुख्य आधार है सामाजिक, बौद्धिक एवं राष्ट्र के लिए समर्पण भाव। हमारे चिंतन से चरित्र मेें चरितार्थ हो। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह दिनेश शर्मा ने कही। शर्मा सोमवार को भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के द्वारा ऑनलाइन रूप से प्रत्यक्ष वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान परीक्षा संयोजक वेदप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि छात्रों का व्यक्तित्व विकास आवश्यक है। इसी बात को ध्यान मे रखते हुए यह वार्ता रखी गई है। 20 छात्रों ने भाग लिया। श्रीवास्तव ने बताया कि इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से आयोजित नहीं हो सकी है। यह शिविर आगामी छह रविवार में पूर्ण होगा। इस दौरान अन्य सहयोगी मुन्नालाल यादव, रामप्रसाद शर्मा, आनन्द भार्गव, सतीश शर्मा, जागृति श्रीवास्तव, राहुल तिवारी एवं आशुतोष शर्मा मौजूद रहे। ऑनलाइन वार्ता में 20 छात्रों ने भाग लिया। ऑनलाइन वार्ता में सुमित पाटीदार, अनिमेश सक्सेना, उर्मिला, रूबीना अहिरवार, अभिनव गुप्ता, सूर्यान्श पुरोहित ने अपने विचार व्यक्त किए। वार्ता के अंत में राहुल तिवारी ने प्रेरणा गीत मनुष्य तू बड़ा महान है तथा आशुतोष शर्मा ने राष्ट्रगान की प्रस्तुति दी। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

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