महिला आयोग तक पहुंचा डीजी का पत्नी के साथ मारपीट का मामला, शोभा ओझा ने घटना को बताया शर्मनाक
महिला आयोग तक पहुंचा डीजी का पत्नी के साथ मारपीट का मामला, शोभा ओझा ने घटना को बताया शर्मनाक

महिला आयोग तक पहुंचा डीजी का पत्नी के साथ मारपीट का मामला, शोभा ओझा ने घटना को बताया शर्मनाक

भोपाल, 28 सितम्बर (हि.स.)। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा द्वारा उनकी पत्नी से की गई मारपीट का मामला महिला आयोग तक पहुंच गया है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने पूरे घटनाक्रम को घोर आपत्तिजनक और शर्मनाक बताया है। उन्होंने मामले में प्रदेश सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को अपर्याप्त बताते हुए पुरुषोत्तम शर्मा की अविलंब बर्खास्तगी के साथ ही उन पर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज करने की मांग की है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने सोमवार को पूरे मामले पर बयान देते हुए कहा कि प्रदेश में बढ़ते अपराधों, महिला अत्याचारों और बेखौफ घूम रहे अपराधियों पर लगाम लगाने में प्रदेश सरकार और उसकी पुलिस पूरी तरह से नाकारा सिद्ध हो रही है, ऐसे में डीजीपी स्तर के पुलिस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा का, अपनी पत्नी को पीटते हुए वीडियो वायरल होना और भी आपत्तिजनक व शर्मनाक बात है। इससे पता चल रहा है कि जिस प्रदेश पुलिस पर महिलाओं की सुरक्षा का दायित्व है, वह स्वयं ही महिला अत्याचार में लिप्त है। प्रदेश महिला आयोग ने इस पूरी घटना को स्वत: संज्ञान में लिया है और प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से अपील की है कि केवल दोषी को कार्यमुक्त कर, वे अपने कर्तव्यों की इतिश्री न समझें बल्कि दोषी को तत्काल बर्खास्त करने के साथ ही उस पर अविलंब आपराधिक प्रकरण भी दर्ज करवाएं। शोभा ओझा ने कहा कि दोषी आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा को उनकी पत्नी ने संदिग्ध रूप से एक महिला के घर रंगे हाथों पकड़ा, इसके बाद शर्मा ने घर पहुंचकर पत्नी से मारपीट की। पुरुषोत्तम शर्मा के आईआरएस बेटे पार्थ गौतम शर्मा द्वारा दोनों घटनाओं के वीडियो प्रमाणों के साथ गृहमंत्री, मुख्य सचिव व डीजीपी को की गई शिकायतों के बाद भी सरकार द्वारा की गई लचर कार्यवाही घोर निंदनीय है। यदि भक्षक बने समाज के ऐसे "रक्षकों" पर कठोर कार्यवाही नहीं की गई तो महिला सुरक्षा को लेकर राज्य के नागरिकों में एक गलत संदेश जाएगा और महिलाओं में इससे और भी अधिक असुरक्षा की भावना व्याप्त होगी। आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने इस मामले में राज्य महिला आयोग द्वारा कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से भी अपनी अपील दोहराई और कहा कि इस संगीन मामले में वे स्वत: पहल करते हुए दोषी की बर्खास्तगी के साथ ही उस पर अविलंब आपराधिक प्रकरण भी दर्ज करवाएं, क्योंकि इसके अलावा उस पर की गई कोई भी अन्य कार्यवाही बेअसर और अपर्याप्त सिद्ध होगी। यदि इस गंभीर मामले में राज्य सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा एक कठोर संदेश नहीं दिया गया तो प्रदेश में पहले से ही जघन्य महिला अपराधों को अंजाम दे रहे बेखौफ अपराधियों के हौंसले भी और बुलंद हो सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय-hindusthansamachar.in

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