महाकाल मंदिर में सशुल्क दर्शन व्यवस्था का हो रहा विरोध
महाकाल मंदिर में सशुल्क दर्शन व्यवस्था का हो रहा विरोध

महाकाल मंदिर में सशुल्क दर्शन व्यवस्था का हो रहा विरोध

उज्जैन, 05 अक्टूबर (हि.स.)। महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक सुजानसिंह रावत के नए फरमान ने श्रद्धालुओं के बीच तीखे विरोध के स्वर छेड़ दिए हैं। आदेश जारी किए हैं कि जो श्रद्धालु ऑन लाइन दर्शन का पंजीयन करवाए बगैर दर्शन करने आता है तो उसे 100 रू. की रसीद कटवाना होगी, तभी उसे दर्शन करवाए जाएंगे। लोगों का कहना है कि अनलॉक के तहत सरकार सभी मंदिरों में दर्शन शुरू करवा चुकी है। मल्टी प्लेक्स खोले जाने वाले हैं। दुर्गा प्रतिमा की ऊंचाई बढ़ाने की अनुमति दे दी गई है। रावण का पुतला भी दहन होगा। ऐसे में महाकाल मंदिर में 100 रू. की रसीद कटवाकर दर्शन करवाने की बात गलत है। कुलमिलाकर इसका तीखा विरोध शुरू हो गया है। लोगों का कहना है कि अनेक लोग सोमवार को भी दर्शन के लिए पहुंचे। उनका कहना था कि वे ऑन लाइन पंजीयन नहीं करवा सके हैं। ऐसे लोग भी थे जिनके पास बटन वाले मोबाइल फोन भी नहीं थे,जिससे कि वे पंजीयन करवा पाते। मंदिर के कर्मचारियों ने 100 रू. की रसीद कटवाने की शर्त रखकर नहीं जाने दिया। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री एवं स्थानीय विधायक डॉ.मोहन यादव से इस बारे में हिस द्वारा चर्चा की गई तो उन्होंने कहाकि प्रशासन भले ही एक निश्चित संख्या में श्रद्धालुओ को दर्शन करवए, लेकिन गरीब भक्तों से रूपये न लें। ऐसा करना उचित नहीं है। वे कलेक्टर से चर्चा करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/ललित/राजू-hindusthansamachar.in

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