मंदसौर: शहर के सबसे पुराने तालाब का सीमांकन जारी, खोजे जा रहे सीमाचिह्न
मंदसौर 24 दिसम्बर (हि.स.)। एनजीटी के निर्देश पर प्रशासन द्वारा बनाई गई टीम ने मंगलवार को दोपहर से तेलिया तालाब के सीमांकन की प्रक्रिया शुरू की। रेवास देवड़ा रोड के समानांतर चलते हुए वृद्धाश्रम के पीछे खेतों में राजस्व की टीम ने स्थायी सीमा चिन्ह खोजे और फिर एमडब्ल्यूएल के निशान लगाए गए। मंगलवार को हुए सीमांकन में कुछ खेतों में दबे हुए एफटीएल व एमडब्ल्यूएल के सीमा चिन्ह भी मिले हैं। इन सभी को खेत मालिकों ने मिट्टी भरकर दबा दिया है। हालांकि अभी प्रशासन केवल एमडब्ल्यूएल की सीमा की ही नपती कर रहा है। एफटीएल की नपती भी बाद में होगी। वहीं दो दिन से वीडियोग्राफी भी नहीं हो रही है। अब संभावना है कि 23 दिसंबर से वीडियोग्राफी भी की जाएगी। ऋषियानंद कुटिया की तरफ से शुरू हुई नपती के दूसरे दिन तालाब के नक्शे के हिसाब से स्थायी चिन्ह खोजते हुए राजस्व का अमला रेवास देवड़ा रोड के समानांतर चलते हुए वृद्धाश्रम के पीछे के खेतों में नपती करता रहा। वृद्धाश्रम के पीछे चल रही एक होटल लेमन ग्रास के बिलकुल पास में एमडब्ल्यूएल का चिन्ह मिला है। कुछ खेतों में बीच में एमडब्ल्यूएल के निशान लगे हैं। दोपहर में राजस्व अमले ने पहुंचकर काम शुरू कर दिया, तब भी नपा के इंजीनियर नदारद ही रहे। मंगलवार को भी अमले ने कई जगह स्थायी सीमा चिन्ह लगाए। इसमें कुछ प्रभावशाली लोगों की जमीन भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि तालाब का सीमांकन ऋषियानंद कुटिया के पास स्थित छोटे झरने से शुरू हुआ है। मंगलवार को रेवास देवड़ा रोड के समानांतर नपती हुई। अब संभावना है कि 23 दिसंबर को टीम नए कलेक्टोदरेट के सामने तक पहुंच जाएगी। इसके बाद यश नगर, शासकीय कन्या महाविद्यालय होते हुए फिर से तेलिया तालाब के पिकनिक स्पॉट पर पहुंचेंगे। टीम के प्रभारी बनाए गए तहसीलदार नारायण नांदेड़ा मंगलवार को भी मौके पर नहीं पहुंचे। उनसे बात करने की कोशिश भी की गई पर मोबाइल पर नो रिप्लाय होता रहा। सोमवार को नपती में जल संसाधन विभाग के इंजीनियर, अधीक्षक भू अभिलेख शर्मा, राजस्व निरीक्षक विकास चैहान, पटवारी महेश पाटीदार, प्रवीण व्यास सहित अन्यभ सदस्य शामिल हुए। पूर्ण जल भराव पर नहीं लगा रहे हैं निशान अभी दो दिन तक राजस्व अमले ने तेलिया तालाब की अधिकतम जल भराव(एमडब्ल्यूाएल) वाली सीमा पर ही नपती की है। पूर्ण जल भराव(एफटीएल) की सीमा पर कोई सीमा चिन्ह नहीं लगाए जा रहे हैं। जबकि एनजीटी के फैसले में दोनों सीमाओं की मार्किंग करने को कहा गया है। इसके अलावा सीमांकन कार्य की वीडियोग्राफी भी नहीं की जा रही है। इसको लेकर भी मंगलवार को अमले को अवगत कराया है। हिन्दुस्थान समाचार/अशोक झलौया-hindusthansamachar.in