भोपाल: प्रस्ताव को मंजूरी मिली, तो और बढ़ जाएगा वन विहार का आकर्षण
भोपाल: प्रस्ताव को मंजूरी मिली, तो और बढ़ जाएगा वन विहार का आकर्षण

भोपाल: प्रस्ताव को मंजूरी मिली, तो और बढ़ जाएगा वन विहार का आकर्षण

भोपाल, 02 दिसम्बर (हि.स.)। अपने वन्यप्राणियों की वजह से राजधानी स्थित वन विहार नेशनल पार्क सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहा है। वन विहार के प्रति पर्यटकों के इस आकर्षण को और बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को भेजा गया है। यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो जल्द ही वन विहार में कई नए वन्यजीव देखने को मिल सकेंगे। वन विहार नेशनल पार्क में मौजूद तरह-तरह के वन्यजीव हर आयुवर्ग और रुचि के पर्यटकों को लुभाते हैं। वन्यजीवों की इस विविधता को और बढ़ाने तथा उन्हें और प्रभावी तरीके से पर्यटकों के लिए प्रस्तुत करने के संबंध में एक प्रस्ताव हाल ही में वनविहार प्रबंधन ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को भेजा है। वन विहार नेशनल पार्क के असिस्टेंट डायरेक्टर ए.के.जैन ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को छोटे मांसाहारी वन्यजीवों भेड़िया, लोमड़ी, जंगली स्वान तथा लकड़बग्घे के संबंध में प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही शाकाहारी वन्यप्राणियों गौर, चौसिंघा और चिंकारा के डिस्प्ले तैयार करने तथा उनकी संख्या बढ़ाने की स्वीकृति भी मांगी गई है। गौरतलब है कि चौसिंघा, चिंकारा और गौर वन विहार में पहले से उपलब्ध हैं, लेकिन इनके प्रदर्शन के लिए विशेषीकृत बाड़े नहीं हैं। अनुकूल हैं परिस्थितियां असिस्टेंट डायरेक्टर जैन ने बताया कि जिन वन्यजीवों के संबंध में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को प्रस्ताव भेजा गया है, उनके लिहाज से वनविहार की परिस्थितियां पूरी तरह अनुकूल हैं। खुले क्षेत्र में स्थित वनविहार का वातावरण इन सभी वन्यजीवों के लिए उपयुक्त है और इन जीवों को यहां रखने के लिए कोई अतिरिक्त इंतजाम नहीं करना पड़ेंगे। इसके अलावा वनविहार में इन जीवों को रखने तथा पर्यटकों के लिए प्रदर्शित करने के हिसाब से जगह की भी कोई कमी नहीं है। लग सकते हैं दो साल वन विहार प्रबंधन का अनुमान है कि पर्यटकों के लिए वनविहार में इन वन्यजीवों को उपलब्ध कराने में लगभग दो साल का समय लग सकता है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति मिल जाने के बाद पूरे प्रोजेक्ट के संबंध में एस्टीमेट तैयार करके भेजा जाएगा। फिर इस एस्टीमेट के अनुसार राशि आवंटित होगी, जिसके बाद हाउसिंग आदि का काम शुरू किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में डेढ़ से दो साल लग सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे-hindusthansamachar.in

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