भाजपा बताएगी कृषि कानून के फायदे, मप्र में निर्धारित होगी कृषि उपज की एमआरपी
भोपाल, 12 दिसम्बर (हि.स.)। कृषि कानून को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच अब भाजपा भी किसान संगठनों की तर्ज पर बिल के समर्थन में देश भर में अभियान चलाएगी। मध्यप्रदेश में इसकी जिम्मेदारी कृषि मंत्री कमल पटेल को सौंपी गई है। कमल पटेल केंद्रीय कृषि बिल को लेकर भाजपा नेताओं को ट्रेनिंग देकर बिल के फायदे भी बताएंगे। कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों को कृषि बिल के फायदे बताने के लिए खेत पर चर्चा अभियान भी शुरू किया है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने शनिवार को इस संबंध में पत्रकार वार्ता कर जानकारी दी। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प लिया है, इसलिए बिल में संशोधन किया है। कृषक उत्पाद व्यापार अधिनियम 2020, किसान उत्पाद करार अधिनियम और स्टॉक में छूट यह तीन बड़े फायदे हैं। किसान उत्पाद करार से फसल पैदा होने के पहले ही एग्रीमेंट के जरिए फसल बिक सकेगी। कमल पटेल ने विपक्ष पर किसानों को भडक़ाने का आरोप भी लगाया है । मप्र में निर्धारित होगी कृषि उपज की एमआरपी इसके अलावा उन्होंने बातया कि किसानों को अपनी उपज का अधिकतम लाभ दिलाने के लिये मेक्सिमम रिटेल प्राइस का निर्धारण किया जायेगा। जब कृषि उत्पादों की एमआरपी निर्धारित होने लगेगी, तो किसानों को अपने उत्पादों का अधिकतम मूल्य मिल सकेगा और खेती हर हाल में लाभ का धंधा बनेगी। उपज का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) निर्धारित होने से एमएसपी की जरूरत ही नहीं रह जायेगी। किसान स्वयं अपनी उपज का दाम तय करेंगे। कमल पटेल ने कहा कि जरूरत होने पर एमआरपी के निर्धारण के लिये आवश्यक मेकेनिज्म तैयार किया जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय-hindusthansamachar.in