भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातीय संस्कृति और देश की आजादी के लिए दी प्राणों की आहुतिः मुख्यमंत्री
भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातीय संस्कृति और देश की आजादी के लिए दी प्राणों की आहुतिः मुख्यमंत्री

भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातीय संस्कृति और देश की आजादी के लिए दी प्राणों की आहुतिः मुख्यमंत्री

- मध्यप्रदेश के सभी वनग्राम बनाए जाएंगे राजस्व ग्राम, शंकर शाह एवं रघुनाथ शाह की स्मृति में बनेगा स्मारक - सामाजिक समरसता बिगाड़ने वालों के विरूद्ध मध्यप्रदेश में होगी सख्त कार्यवाही भोपाल, 25 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातीय संस्कृति की रक्षा और अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ शोषण, धर्मान्तरण को रोकने और हमारी संस्कृति को बचाने के लिए निरन्तर संघर्ष किया। उन्होंने जनजातियों की पूजा-पाठ की पद्धतियों, जीवन मूल्यों और संस्कृति की रक्षा और आजादी के लिए निरंतर कार्य किया। नशाखोरी जैसी समाजिक बुराईयों को समाप्त करने के लिए निरन्तर प्रयास किए। वे गद्दारों के कारण अंग्रेजों द्वारा पकड़े गए तथा उनके ऊपर घनघोर अत्याचार किए गए। 25 वर्ष की अल्प आयु में ही इस धरती को छोड़कर चले गए। उनके जन्मदिवस पर हर वर्ष मध्यप्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जायेगा। उनके आदर्शों पर चलते हुए देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को उमरिया जिले की ग्राम पंचायत डगडौआ में आयोजित जन-जातीय गौरव सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा बेटियों का पूजन कर किया। समारोह में प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजहशाह, प्रदेश की आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, प्रदेश की नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह, शहडोल सांसद हिमांद्री सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी में वीरांगना दुर्गावती, भीमा नायक, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, टट्या भील जैसे महानायकों ने योगदान दिया। हम इन महानायकों के योगदान को कभी भुला नही सकेंगे। अंग्रेजो के विरूद्ध स्वाधीनता संग्राम में लोहा लेने वाले महाकौशल क्षेत्र के महानायकों शंकर शाह और रघुनाथ शाह की स्मृति में जबलपुर में लगभग 5 करोड़ रूपये की लागत से भव्य स्मारक बनाया जायेगा। भारत की मुख्य धारा देश की जनजातियां हैं। जनजाति परम्पराओं एवं संस्कृति को अक्षुण्य रखने के प्रयास किए जायेंगे। कुछ लोग भ्रम फैलाकर देश में हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक समरसता को तोड़ने का प्रयास कर रहे है। लोभ, लालच, भय और प्रलोभन देकर धर्मान्तरण करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। मध्यप्रदेश की धरती पर लव-जेहाद नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जिन वनवासियों को भूमि के पट्टे दिए गए है, उन्हें फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ भी दिया जायेगा। प्रदेश के सभी वनग्राम राजस्व ग्राम बनाए जायेंगे। प्रदेश में जनजातियों का शोषण और लूट नहीं होने दी जायेगी। जिन अवैध साहूकारों ने जनजाति परिवारों को कर्जा दिया है और सम्पत्ति गिरवी रखी है, ऐसे सभी अवैध कर्जों को मध्यप्रदेश में माफ कर दिया गया है। ऐसे कर्ज की प्रदेश में वसूली नहीं की जा सकेगी। शहडोल संभाग में वनोपज और खनिज आधारित उद्योग लगाने के प्रयास किए जायेगें। मध्यप्रदेश में 32 प्रकार के वनोपजों का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया गया है। आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा जनजातीय समाज के महानायक हैं। उन्होंने जनजातीय संस्कृति की रक्षा की और देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। देश की खातिर अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। सांसद हिमांद्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने भगवान बिरसा मुण्डा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, यह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में जनजातीय समाज के कई महानायकों ने संघर्ष करते हुए अपने प्राणो की आहुतियां दीं। 800 हितग्राहियों को वनाधिकार प्रमाण पत्र वितरित किए मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में वन अधिकार अधिनियम के तहत जिले के 800 हितग्राहियों को वनाधिकार प्रमाण पत्र वितरित किए। साथ ही संभाग के 10 प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया। इनमें देवप्रकाश सिंह मरावी, स्वाती बैगा, सुशीला सिंह, शेर सिंह एवं प्रीति सिंह आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने स्व-सहायता समूहों को क्रेडिट लिमिट का वितरण भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 21 करोड़ 15 लाख की लागत वाले 10 कार्यो का शिलान्यास किया। जमीन दानदाता नत्थू कोल का किया सम्मान मुख्यमंत्री ने बिरसा मुण्डा परिसर के निर्माण के लिए ग्राम डगडौआ में दो एकड़ ज़मीन दान करने वाले नत्थू कोल का सार्वजनिक रूप से सम्मान किया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति खुद झोपड़ी में रह रहा है, सुविधाओं के अभाव में जीवन व्यतीत कर रहा है, उसके लिए भगवान बिरसा मुण्डा परिसर हेतु दो एकड़ कीमती जमीन दान देना उसकी दानवीरता का अनुकरणीय उदाहरण है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि नत्थू कोल को पक्का आवास उपलब्ध कराया जाए। अंतर्राष्ट्रीय जनजातीय बैगा कलाकार जोधईया बाई की कला की सराहना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बैगा पेंटिग्स के माध्यम से स्थान बनाने वाली 80 वर्षीय जन जातीय बैगा कलाकार जोधईया बाई द्वारा कार्यक्रम स्थल पर जन गण मन तस्वीर खाना की प्रदर्शनी लगाई गई थी। मुख्यमंत्री चौहान जोधईया बाई से मिले तथा उनके द्वारा तैयार की गई काष्ठ मूर्ति तथा बैगा पेंटिग्स का अवलोकन कर सराहना की। महिला स्व-सहायता समूह की प्रदर्शनी को सराहा मुख्यमंत्री द्वारा कार्यक्रम स्थल पर आजीविका परियोजना द्वारा जिले के आदिवासी स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा समूह की महिलाओं से चर्चा की। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in

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