भंडारित 61 हजार अमानक चावल को लेकर अब तक नहीं हुआ कोई फैसला
भंडारित 61 हजार अमानक चावल को लेकर अब तक नहीं हुआ कोई फैसला

भंडारित 61 हजार अमानक चावल को लेकर अब तक नहीं हुआ कोई फैसला

अनूपपुर, 28 सितम्बर (हि.स.)। जिले के 13 गोदामों में भंडारित 1 लाख 20 हजार क्विंटल चावल की खेप में 6189 टन अमानक पाए गए चावलों का अबतक उठाव नहीं हो सका है। भारतीय खाद्य निगम के द्वारा सप्ताह भर पूर्व दी गई जांच रिपोर्ट में जिले के 84 सैम्पल में 48 सैम्पल फेल हो गए थे। शेष 36 के पास होने की जानकारी सामने आई, लेकिन 17 सितम्बर की मिले जांच रिपोर्ट के 10 दिनों बाद भी गोदामों में अमानक चावलों का लॉट पड़ा हुआ है। मामले में शहडोल कलेक्टर ने हाल ही में खाद्य नागरिक आपूर्ति अधिकारियों के साथ मिलरों की बैठक बुलाकर एक सप्ताह में खराब चावल को बदलने या उसे अपग्रेड के निर्देश दिए थे, लेकिन अनूपपुर जिले में सबसे अधिक पाए गए अमानक चावल के खेप में प्रशासन सहित विभागीय अधिकारी खामोश है। प्रशासन ने मामले में न कोई दिशा निर्देश दिये, न ही विभाग द्वारा अमानक चावलों को भेजे जाने की कार्रवाई आरम्भ की। विदित हो कि 2 सितम्बर को जिले में 1.20 लाख भंडारित चावल की लॉट में 13 गोदामों की 84 सैम्पल में मात्र 36 सैम्पल ही पास हो सका, जबकि 48 सैम्पल फेल हो गए। 48 सैम्पल के 6189 टन चावल आमनक की श्रेणी में हैं। जबकि इनमें 3 सैम्पल मवेशियों के खाने योग्य बताए गए। असफल चावल की सैम्पल में 22 कोतमा, 24 अनूपपुर और 2 पुष्पराजगढ़ गोदाम के बताए गए हैं। लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिले में तीन क्वालिटी निरीक्षकों और अधिकारियों की मौजूदगी के बाद भी जिले के गोदामों में 61 हजार क्विंटल चावल अमानक भंडारित हो गए। एक ओर जहां अमानक चावल की लॉट गोदामों में भंडारित हैं, वहीं दूसरी ओर शासकीय राशन की दुकानों पर चावल की मात्रा सुस्त गति से पहुंच रही है। जिसके कारण जिले की 312 शासकीय राशन की दुकानों में आधे से अधिक दुकानों पर अबतक चावल का आवंटन नहीं हो सका है। जिसके कारण हितग्राहियों को पूर्व के आंवटित बचे चावल को ही मुहैया कराकर वापसी कराई जा रही है। हालांकि जांच रिपोर्ट और चावल के वितरण पर लगी रोक के कारण सितम्बर माह का चावल दुकानों को आवंटन नहीं हो सका है और ना ही हितग्राहियों को चावल वितरित किए गए हैं। 1.40 लाख हितग्राही देख रहे चावल की आस दुकानों पर धीमी गति से चावलों को परिवहन किए जाने के कारण जिले के 312 राशन की दुकान में लगभग डेढ़ सैकड़ा दुकानों पर ही चावल का आवंटन हो सका है। शेष दुकानों पर चावल का खेप पहुंचा ही नहीं है। जबकि जांच रिपोर्ट को आए 10 दिन का समय बीत गया है। नियमानुसार हितग्राहियों को 2 किलो चावल प्रति सदस्य वितरित किया जाना है। जिले में वर्तमान में 5 लाख 98 हजार 196 परिवार सदस्य हैं। जिन्हें पीएम मुफ्त अनाज के तहत नवम्बर माह तक 1 किलो चावल भी दिया जाना अनिवार्य है। मात्र 59 हजार क्विंटल चावल जांच रिपोर्ट और विभागीय जानकारी के अनुसार 1.20 हजार क्विंटल चावल में 61890 क्विंटल अमानक चावल होने पर शेष लगभग 58 हजार क्विंटल चावल बचता है। जबकि प्रतिमाह पीएम फ्री चावल और योजना के तहत दिए जाने वाले चावल की मात्रा लगभग 18 हजार क्विंटल है। लेकिन मिलर से अपग्रेड होकर चावल के लॉट के आने में विलम्बता को देखते हुए आगामी दिनों राशन की दुकानें प्रभावित हो सकती है। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in

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