बैंक अधिकारी बताकर एकाउंट से रुपये उड़ाने वाले आरोपी की जमानत खारिज
बैंक अधिकारी बताकर एकाउंट से रुपये उड़ाने वाले आरोपी की जमानत खारिज

बैंक अधिकारी बताकर एकाउंट से रुपये उड़ाने वाले आरोपी की जमानत खारिज

सिवनी, 21 अगस्त(हि.स.)। जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत बैंक अधिकारी बताकर खाते से रुपये उड़ाने के मामले के फरार आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को न्यायालय ने खारिज कर दी। आरोपी का एक साथी पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। जिला न्यायालय के मीडिया सेल प्रभारी मनोज सैयाम ने शुक्रवार की देर शाम को जानकारी दी कि सिवनी जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत 19 अगस्त 2018 को प्रीतम लाल पिता बेनी प्रसाद के द्वारा रिपोर्ट लिखाई गई थी कि उसके मोबाइल नंबर पर तीन विभिन्न मोबाइल नंबर के माध्यम से अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बैंक अधिकारी अधिकारी बनकर उसके बैंक अकाउंट से संबंधित जानकारी मांगी गई। जानकारी देने के बाद उसके अकाउंट से कुल 95,7786 रुपए निकाल लिए गए हैं। इस गंभीर अपराध की सूचना के आधार पर थाना कोतवाली के द्वारा अज्ञात आरोपी के विरूद्ध मामला दर्ज कर विवेचना की गई। जिन मोबाइल नंबर से कॉल किया गया था , उनको साइबर सेल के माध्यम से ट्रेस किया गया और अनुसंधान के दौरान पाया गया कि झारखंड राज्य के आरोपी कृष्ण मोहन मंडल पिता चांद मंडी मंडल (45)निवासी ग्राम चियाताद थाना लरयाटांड़ जिला जामतारा झारखंड एवं दूसरा आरोपी मनोज मंडल पिता फागू मंडल (35) निवासी पचानगड थाना अहिल्यापुर, जिला गिरिडीह झारखंड के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से पीड़ित के रुपयों को अपने खाते में ट्रांसफर करवाया गया है। आरोपियों ने इस राशि से महिंद्रा गाड़ी टीयूवी एवं एक एलईडी टीवी और अन्य सामान खरीदे हैं। पुलिस के द्वारा आरोपी कृष्ण मोहन को पकड़ा गया और उससे उक्त सामानों को जब्त किया था । इस मामले में आरोपी कृष्ण मोहन को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था । परंतु दूसरा आरोपी मनोज मंडल पुलिस के पकड़ में नहीं आया था और वह फरार था। आगे बताया गया कि शुक्रवार को फरार आरोपी के द्वारा माननीय न्यायालय राजर्षी श्रीवास्तव , प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, सिवनी की न्यायालय में अग्रिम जमानत हेतु आवेदन लगाया गया था। जिसमें शासन की ओर से नवल किशोर सिंह सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा आपत्ति प्रस्तुत की गई एवं कहा गया कि, यह एक गंभीर प्रकृति की धोखेबाजी का अपराध है । आरोपी अपराध करने के बाद फरार हो गया है। उसे जमानत देने पर फिर से फरार हो सकता है ,और फिर अपराध करने की संभावना है। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी की अग्रिम जमानत आवेदन पर विचार करते हुए आवेदन को खारिज किए जाने का आदेश दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/रवि/केशव-hindusthansamachar.in

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