बुद्धिजीवियों के सुझाव, मानव स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर रासुका जैसी हो कार्रवाई
बुद्धिजीवियों के सुझाव, मानव स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर रासुका जैसी हो कार्रवाई

बुद्धिजीवियों के सुझाव, मानव स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर रासुका जैसी हो कार्रवाई

गुना, 22 नवम्बर (हि.स.)। मानव स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना सबसे गंभीर अपराध है। ऐसे लोग किसी भी कीमत पर नहीं बचना चाहिए। कोई भी दुकानदार मिलावट करने के बारे में सोच भी न सके, ऐसा सबक सिखाने रासुका जैसी कार्रवाई होना जरूरी है। यह सुझाव जिले के विभिन्न वर्ग के बुद्धिजीवियों ने मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत दिए हैं। जिसमें उन्होंने खुलकर मिलावटखोरों पर रासुका जैसी सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कही है। साथ ही मसाला फैक्ट्रियों के अलावा दूध डेयरियों पर भी सत्त कार्रवाई किए जाने का सुझाव प्रशासन को दिया है। - समय-समय पर हो कार्रवाई मिलावट करने वालों पर समय-समय पर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि उन्हें प्रशासन का डर बना रहे। खाद्य पदार्थों में मिलावट से लोग जाने अनजाने में कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। मिलावाटखोरों पर औचक कार्रवाई की जानी चाहिए। गुलशन डाबर, उपाध्यक्ष चैंबर ऑफ कॉमर्स - स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है मिलावट मिलावट स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इससे निजात दिलाने प्रशासन को सत्त कार्रवाई की जानी चाहिए। रॉ मटेरियल ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचता है, इसलिए इसे प्राथमिकता में लिया जाना जरूरी है। मिलावट का कारोबार रोकने कारोबारियों में कार्रवाई का भय भी होना चाहिए। विनीत सेठ, व्यवसायी - सही व्यक्ति बेवजह बदनाम न हो मिलावटखोरों पर कार्रवाई तो होनी चाहिए लेकिन इस दौरान यह भी देखा जाए कि सही व्यक्ति बेवजह बदनाम न हो। मिलावट रोकने सैंपल लेने की कार्रवाई नियमित रूप से जारी रहनी चाहिए। व्यवसायी व दुकानदारों को प्रशासन से न्याय की अपेक्षा है। ममता मीणा, पूर्व विधायक चाचौड़ा - स्वागत योग्य है कार्रवाई मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रशासन द्वारा चलाई जा रही मुहिम स्वागत योग्य है। पहली बार मिलावटखोरों पर इतनी सख्त कार्रवाई अंजाम दी गई है। निश्चित रूप से इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। मिलावट सभी तरह के खाद्य पदार्थों में की जा रही है इसलिए सभी पर कार्रवाई की जाए। अंकुर श्रीवास्तव, समाज सेवी - मिलावटखोरों पर कार्रवाई के लिए यह दिए सुझाव मिलावट रोकने कार्रवाई नियमित रूप से चले। जहां-जहां खाद्य पदार्थ बनाए जा रहे हैं वहां सबसे पहले सैंपलिंग की कार्रवाई की जानी चाहिए। सैंपल की रिपोर्ट जल्द आनी चाहिए ताकि संबंधित पर उचित कार्रवाई की जा सके। सबसे पहले सभी दुकान व प्रतिष्ठानों को रजिस्टर्ड किया जाए। खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर सैंपलिंग की कार्रवाई सत्त रूप से की जानी चाहिए। मानस स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर रासुका जैसी गंभीर धारा में कार्रवाई होनी चाहिए। मिलावट रोकने प्रशासन का भय होना भी बेहद जरूरी है। मिर्च, मसाले, धनिया के अलावा दूध डेयरियों पर भी हो कार्रवाई कार्रवाई में भेदभाव नजर नहीं आना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

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