बासमती जीआई टैगिंग मामला: अमरिंदर सिंह की मप्र के किसानों से क्या दुश्मनी है: शिवराज
बासमती जीआई टैगिंग मामला: अमरिंदर सिंह की मप्र के किसानों से क्या दुश्मनी है: शिवराज

बासमती जीआई टैगिंग मामला: अमरिंदर सिंह की मप्र के किसानों से क्या दुश्मनी है: शिवराज

भोपाल, 06 अगस्त (हि.स.)। मध्यप्रदेश के बासमती चावल को भौगोलिक संकेत टैग (जीआई टैगिंग) दिलाने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पंजाब सरकार ने इसका विरोध किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर कहा है कि मप्र के बासमती चावल को जीआई टैगिंग न दी जाए। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरिंदर द्वारा भेजे गए पत्र की निंदा की है। साथ ही कहा है कि उन्हें मध्यप्रदेश के किसानों से क्या दुश्मनी है? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुुरुवार को सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘मैं पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग देने के मामले में प्रधानमंत्री जी को लिखे पत्र की निंदा करता हूं और इसे राजनीति से प्रेरित मानता हूं। मैं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से यह पूछना चाहता हूँ कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बन्धुओं से क्या दुश्मनी है? यह मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है।’ उन्होंने लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश को मिलने वाले जीआई टैगिंग से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। मध्य प्रदेश के 13 जिलों में वर्ष 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है, इसका लिखित इतिहास भी है।’ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ एपीईडीए के मामले का मध्यप्रदेश के दावों से कोई संबंध नहीं है क्योंकि यह भारत के जीआई एक्ट के तहत आता है और इसका बासमती चावल के अंतर्देशीय दावों से इसका कोई जुड़ाव नहीं है। पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं। भारत सरकार के निर्यात के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। भारत सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है।’ उन्होंने लिखा है कि ‘सिंधिया स्टेट के रिकॉर्ड में अंकित है कि वर्ष 1944 में प्रदेश के किसानों को बीज की आपूर्ति की गई थी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ राईस रिसर्च, हैदराबाद ने अपनी 'उत्पादन उन्मुख सर्वेक्षण रिपोर्ट' में दर्ज किया है कि मध्यप्रदेश में पिछले 25 वर्ष से बासमती चावल का उत्पादन किया जा रहा है।’ गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुधवार को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग नहीं देने की मांग करते हुए कहा है कि इससे पाकिस्तान को फायदा होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके इस बयान की निंदा करते हुए उन पर निशाना साधा है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in

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