बालाघाट जिले में कोरोना से पहली मौत, मेडिकल कॉलेज जाते समय मरीज ने रास्ते में तोड़ा दम

बालाघाट जिले में कोरोना से पहली मौत, मेडिकल कॉलेज जाते समय मरीज ने रास्ते में तोड़ा दम
बालाघाट जिले में कोरोना से पहली मौत, मेडिकल कॉलेज जाते समय मरीज ने रास्ते में तोड़ा दम

बालाघाट, 15 अगस्त (हि.स.)। कटंगी मुख्यालय निवासी कोरोना पॉजिटिव लगभग 67 वर्षीय वृद्ध की 14 अगस्त की रात गंभीर हालत में छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज ले जाते समय मौत हो गई। जिसका अंतिम संस्कार 15 अगस्त को प्रोटोकाल के अनुसार किया गया। बताया जाता है कि 14 अगस्त की शाम उसे कटंगी से सांस की समस्या के बाद जिला अस्पताल लाया गया था। जहां कोरोना प्रोटोकाल के तहत उसका प्रायमरी उपचार का उसका कोरोना सेंपल लिया गया था। बालाघाट जिले अस्पताल की ट्रू-नॉट मशीन में उसका सेंपल पॉजिटिव आया था। जिसकी हालात गंभीर होने पर उसे मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया था। जिसकी जाते समय रास्ते में मौत हो गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 14 अगस्त को कटंगी से उपचार के लिए जिला चिकित्सालय एक 60 वर्षीय वृद्ध को लाया गया था। उस मरीज को शुगर और ब्लडप्रेशर की बीमारी भी थी। मरीज की स्थिति को देखकर उसे छिंदवाड़ा मेडिकल कालेज के लिए रेफर किया गया था। जिसकी छिंदवाड़ा ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई है। इस मरीज के सेंपल जिला चिकित्सालय बालाघाट की ट्रू-नाट लैब में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। कोरोना पॉजिटिव मरीज होने के कारण शासन के प्रोटोकाल के अनुसार नगर पालिका बालाघाट द्वारा उसका अंतिम संस्कार कराया जा रहा है। कटंगी में उसके निवास स्थान वाले क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। इस मरीज की कांटेक्ट हिस्ट्री पता की जा रही है। स्वास्थ्य अमला कर रहा स्त्रोत की तलाश कटंगी के जिस 67 वर्षीय वृद्ध की कोरोना बीमारी से मौत हुई है। उसके बारे में केवल अब तक इतना ही पता चल सका है कि वह विगत कुछ दिनों से कटंगी के एक निजी क्लिनिक में ईलाज कराने जा रहे थे। जिन्हें खांसी के साथ ही सांस लेने में समस्या थी। हालांकि अब तक उनकी किसी ट्रेवल हिस्ट्री का कोई पता नहीं चला है। बताया जाता है कि जब आशा कार्यकर्ता घर पहुंची थी, तब भी उन्होंने स्वयं को स्वस्थ्य बताया था। जबकि वह निजी क्लिनिक से उपचार करवा रहे थे। देरी से उनकी कोरोना जांच होने के बाद उनके कोरोना पॉजिटिव होने का पता चलने और अन्य स्वास्थ्य समस्या के कारण उनकी मौत हो गई। जो एक चेतावनी है कि यदि हम कोरोना बीमारी को छिपाते है तो इसके दुष्परिणाम भी सामने आ सकते है। इसलिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी अपील कर रहा है कि वह कोरोना महामारी के ईलाज के लिए शासन की व्यवस्थाओं पर विश्वास करें और बीमारी के लक्षण पाये जाने पर तत्काल फिवर क्लिनिक या शासकीय चिकित्सालय में संपर्क करें। सावधानी, समय पर उपचार ही कोरोना से बचा सकता है। कलेक्टर पहुंचे कटंगी कटंगी के कोरोना पॉजिटिव वृद्ध मरीज की मौत के बाद उसके क्षेत्र को कटेनमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। 15 अगस्त को सुबह से ही कटंगी का प्रशासनिक अमला मृतक के क्षेत्र को कंटेनमेंट करने में जुटा रहा। कलेक्टर दीपक आर्य भी कटंगी पहुंचे और स्थानीय प्रशासनिक अमले से कंटेनमेंट क्षेत्र बनाने में की गई कार्यवाही की जानकारी ली। इस संबंध में बालाघाट कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि कटंगी के कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हुई है, जिन्हें कोरोना बीमारी के साथ ही अन्य कई स्वास्थ्य समस्या थी। उनकी कोर्ठ ट्रेवल हिस्ट्री का पता नहीं चल पा रहा है। ऐतिहातन के तौर पर मृतक वृद्ध के रहवासी क्षेत्र को कंटेनमेंट घोषित कर दिया गया है। क्षेत्र में निवासरत आसपास के लोगो के सेंपल लेकर जांच की जायेगी। जिले में लगातार लोगो से कोरोना बचाव को लेकर सावधानियों के पालन की अपील के साथ ही यदि कोरोना लक्षण के सिम्टम्स दिखाई देते है तो वह सीधे ईलाज कराने अस्पताल लाये। कटंगी के वृद्ध के जल्दी अस्पताल नहीं आने के कारण उनके ईलाज के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। कोरोना का प्रभाव वृद्ध अवस्था आयु में ज्यादा है। इसलिए यदि हम समय रहते कोरोना का ईलाज कराने आगे आयेंगे तो ही हम कोरोना से जंग जीत पायेंगे। हिंदुस्थान समाचार/सुनील कोरे/ राजू-hindusthansamachar.in

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