बच्चों के उत्साह के सामने कोरोना का खौफ हुआ पस्त, स्कूल पहुंचे 200 विद्यार्थी
बच्चों के उत्साह के सामने कोरोना का खौफ हुआ पस्त, स्कूल पहुंचे 200 विद्यार्थी

बच्चों के उत्साह के सामने कोरोना का खौफ हुआ पस्त, स्कूल पहुंचे 200 विद्यार्थी

अनूपपुर, 22 सितम्बर (हि.स.)। कोरोना संक्रमण के नाम सुनते ही बड़े लोगों के माथे पसीने उतरने लगते हैं। जानलेवा महामारी में लोग सुरक्षा उपायों के साथ घरों से बाहर निकल रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। लेकिन शासन के निर्देश में 21 सितम्बर से हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों की संचालित कक्षाओं को लेकर बच्चों के उत्साह के सामने कोरोना संक्रमण बौना साबित हो गया। जिले के 198 शासकीय और निजी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में आंशिक उपस्थिति के साथ बच्चे उपस्थित हुए, जहां परामर्श के रूप में विषयों की पढ़ाई की। लेकिन स्कूलों के खुलने और कक्षाओं में पठन पाठन को लेकर पुष्पराजगढ़ विकासखंड के उत्कृष्ट स्कूल लखौरा के बच्चे इस प्रकार उत्साहित हुए कि वे सुबह 10.30 बजे सुरक्षा उपायों के साथ स्कूल आ पहुंचे। कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं लगभग 1000 बच्चों की दर्ज संख्या में 200 से अधिक बच्चे अपनी अपनी कक्षाओं में पढऩे आ पहुंचे। स्कूल आने के दौरान बच्चों ने खुद ही अपने घरों से सेनेटाइजर और रूमाल व दुपट्टों का मास्क पहनकर पहुंचे। बच्चों ने बताया कि स्कूल की ओर से उनके लिए थर्मो स्क्रीनिंग और ऑक्सोमीटर सहित हैंड सेनेटाइजर की सुविधा नहीं उपलब्ध थी। जिसे देखते हुए बच्चों ने अपने घर से ही हैंड सेनेटाइजर खुद लेकर पहुंचे थे। पढ़ाई को लेकर बच्चों का उत्साह ऐसे परवान चढ़ा कि कोरोना से डर नहीं लगता पर बच्चों ने कहा कोरोना गांवों में नहीं होता। हम शरीरीक दूरी और सेनेटाइजेशन से कोरोना को पास नहीं आने देंगे। प्राचार्य भोग सिंह ने बताया कि कक्षा 9वीं से 12वीं से लगभग 1000 छात्र-छात्राएं हैं। कक्षा 9वीं में 300, 10वीं में 240, 11वीं में 270 से अधिक, 12वीं में लगभग 250 विद्यार्थी है। जिनमें प्रथम दिन ही 200 से अधिक बच्चे स्कूल पहुंचे। इन बच्चों ने अपनी कक्षाओं में बैठकर परामर्श सम्बंधित सवालों का विषयों में जवाब जाना। प्राचार्य ने माना कि कोरोना महामारी और पुष्पराजगढ़ आदिवासी अंचल से इतनी अधिक संख्या में बच्चों की शिक्षा के प्रति रूचि और उपस्थिति से वे अंजान थे। वहीं प्राचार्य ने यह स्वीकार किया कि यहां पूर्व में पूरक परीक्षाओं के आयोजन के कारण कक्षाएं सेनेटाइज थी, लेकिन बच्चों के लिए हैंड सेनेटाइजेशन सहित थर्मो स्क्रीनिंग मशीन की सुविधा नहीं थी। अब हैंड सेनेटाइजेशन की सुविधा बना दी गई है। छात्रावास खोलने अभिभावकों ने की अपील एक ओर जहां स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बनी, वहीं दूर-दराज से छात्रावास में रहने वाले बच्चे भी अपने अभिभावकों के साथ स्कूल परिसर पहुंचे। प्राचार्य से छात्रावास को खोले जाने अपील की, ताकि बच्चों की पढ़ाई न रूके और कक्षाएं न छूटे। जिसपर प्राचार्य ने अभिभावकों को तत्काल शासन के निर्देश में छात्रावास को नहीं खोले जाने की जानकारी देकर जल्द ही निर्देश मिलने पर जानकारी उपलब्धता की बात कही। प्राचार्य ने बताया कि लगभग 20-25 अभिभावकों ने कक्षा मिसिंग होने की बात कहते हुए छात्रावास खुलवाने की जिद्द करते रहे। ४९ स्कूलों ने बच्चों की नहीं दी उपस्थिति जानकारी एक ओर स्कूल खुलने से उत्साहित बच्चे कोरोना से बेखौफ स्कूल पहुंच रहे हैं। वहीं जिला शिक्षा विभाग के निर्देश में बच्चों की उपस्थिति की मांगी गई जानकारी में 49 स्कूलों के प्राचार्य ने चुप्पी साध ली। मांगी गई जानकारी में अबतक किसी प्राचार्य ने बच्चों की उपस्थिति या स्कूल खोले जाने सम्बंधी जानकारी नहीं दी है। पांच सदस्यी टीम करेगी मॉनीटरिंग बच्चों की भीड़ एकत्रित न हो टाइम टेबल के अनुसार बच्चों की उपस्थिति बने, परामर्श के रूप में बच्चों की पढ़ाई जारी रहे, कठिन विषयों पर जोर दिया जाए और स्कूलों की मानीटरिंग होती रही, शिक्षा विभाग द्वारा 5 सदस्यी टीम बनाया गया है, जो स्कूलों की मॉनीटरिंग करते हुए बेहतर व्यवस्थाएं बनाएगी। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अनूपपुर पीएन चतुर्वेदी ने बताया स्कूलों की मॉनीटरिंग और व्यवस्थाओं को लेकर टीम बनाई गयी है। अब बच्चों को टाइम टेबल के आधार पर विषयों के सम्बंध में परामर्श दिया जाएगा। कम बच्चों की उपस्थिति में उनकी पसंद की पढ़ाई के लिए व्यवस्थाएं बनाई जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला-hindusthansamachar.in

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