पूर्व विधायक बट्टी के आकस्मिक निधन की न्यायिक जांच के लिए गौंडसमाज महासभा ने सौंपा ज्ञापन
पूर्व विधायक बट्टी के आकस्मिक निधन की न्यायिक जांच के लिए गौंडसमाज महासभा ने सौंपा ज्ञापन

पूर्व विधायक बट्टी के आकस्मिक निधन की न्यायिक जांच के लिए गौंडसमाज महासभा ने सौंपा ज्ञापन

सिवनी, 11 अगस्त (हि.स.)। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में अखिल भारतीय गौंडवाना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अमरवाडा में पूर्व विधायक स्व मनमोहन शाह बट्टी की हुई आकस्मिक संदिग्ध मौत की न्यायिक जांच उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर कराये जाने की मांग गोंड समाज महासभा मप्र द्वारा की गयी है इस संबंध में गोंड समाज महासभा मप्र के अध्यक्ष बी.एस.परतेती एवं प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व विधायक कमल मर्सकोले सहित अन्य पदाधिकारियो के हस्ताक्षर से एक ज्ञापन प्रदेश के महामहिम के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा जाकर स्व बट्टी की संदिग्ध मौत की उच्चस्तरीय जांच कराये जाने की मांग की गयी है। गौंड समाज महासभा मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष बिसन सिंह परतेती ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि सौंपे गये ज्ञापन में लेख किया गया है कि अखिल भारतीय गौंडवाना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अमरवाडा के पूर्व विधायक स्व.मनमोहन शाह बट्टी के आकस्मिक निधन से देश एवं प्रदेश का समस्त आदिवासी समाज आहत और हैरान है। वह प्रदेश के दिग्गज नेता थे लेकिन उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने एवं अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी शासन द्वारा मीडिया के सामने नही लायी गयी अखिल भारतीय गौंडवाना पार्टी के लोग भी इस घटना से अनजान रहे और अचानक हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु की खबर सामने आयी जो सवालो के घेरे में है। बताया गया कि इस प्रकार उनकी अचानक मृत्यु के समाचार से देश एवं प्रदेश का आदिवासी समुदाय एवं गोंड समाज स्वीकार नही कर पा रहा है आखिर इतने दिग्गज आदिवासी नेता के कोरोना वायरस के संक्रमित होने व अस्पताल मे भर्ती होने की सूचना शासन द्वारा कैसे छिपाई गयी जबकि अन्य नेता के कोरोना पाजीटिव होने की उसकी तत्काल सूचना मीडिया में प्रसारित कराई जा रही है परंतु स्व.बट्टी कोरोना पाॅजीटिव होने तथा बीमार होने की सूचना शासन शासन मीडिया और पब्लिक से छिपाई गई। अस्पताल में भर्ती के दौरान उनके स्वास्थ्य से संबंधित प्रतिदिन की कोई जानकारी भी नही दी गयी उनके किसी गंभीर बीमारी के बारे में भी शासन द्वारा कोई रिपोर्ट जारी नही की गयी तथा अचानक हार्ट अटैक से उनके निधन की खबर बताना संदेह के घेरे में है। देश एवं प्रदेश के आदिवासी गोंड समाज सर्मथको और हम जनप्रतिनिधियों को यह जानने का पूरा हक है कि दिवंगत मनमोहन शाह बट्टी को किस डाक्टर ने चिरायु अस्पताल के लिए रिफर किया भर्ती के दौरान उनकी कौन कोैन सी जांच की गयी ओर उन जांचो की क्या रिपोर्ट आयी तथा भर्ती के दौरान उन्हे किस बीमारी के लिए कौन की दवाई दी गयी ओर किस प्रकार उनका उपचार किया गया तथा किस स्पेशलिस्ट डाक्टर के द्वारा उनका उपचार किया गया था । भर्ती होने के दिनांक से मृत्यु होने दिनांक तक उनके उपचार से संबंधित सभी रिपोर्टो को शासन द्वारा पब्लिक में जाहिर किया जाना चाहिए था परंतु ऐसा नही किया गया जिससे संदेह उत्पन्न होता है यदि स्व मनमोहन शाह बट्टी की संदिग्ध मृत्यु की सही समय पर सरकार द्वारा जांच नही करायी जाती है तो यह प्रदेश के लिए एक बडा दुर्भाग्य होगा जिसके कारण सामाजिक सदभावना बिगडने की संभावना बन सकती है। बताया गया कि स्व मनमोहन शाह बट्टी की आकस्मिक संदिग्ध मृत्यु की शीघ्र अतिशीघ्र न्यायिक जांच कराये जाने की मांग संबंधी ज्ञापन मंगलवार को अपर कलेक्टर सिवनी श्रीमति रानी बाटड को सौंपा गया है। हिन्दुस्थान समाचार/रवि/राजू-hindusthansamachar.in

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