नगरीय निकाय चुनाव के लिए कमलनाथ की दो टूक, यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण, पूरी ताकत से जुट जाएं
भोपाल, 27 दिसम्बर (हि.स.)। आने वाले दिनों में कांग्रेस संगठन स्तर पर व्यापक बदलाव करने जा रही है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में युवा, सक्रिय और ऊर्जावान नेताओं को तरजीह देने और निष्क्रिय नेताओं को हटाने पर विचार होगा। इससे पहले रविवार को मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए नगर पालिका निगम क्षेत्र के प्रभारियों व जिला अध्यक्षों की बैठक हुई। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर हुई बैठक में पूर्व सीएम ने संगठन की कसावट और निकाय चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। बैठक में कमलनाथ ने कहा कि ‘वैसे तो हर चुनाव लोकतंत्र की मजबूती के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, लेकिन नगरीय निकाय चुनाव का अपना महत्व है। यह चुनाव जनता से सीधा जुड़ाव वाला चुनाव होता है। यह जनता से हमारे रिश्तों को प्रगाढ़ करने वाला चुनाव होता है, यह चुनाव जड़ के समान होता है, जो कि पौधे को मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि कभी भी नगरीय निकाय चुनाव को छोटा चुनाव न समझें, यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण होकर इसके परिणाम विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जैसा हम बीज बोयेगें, वैसा ही पौधा तैयार होगा, सभी प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जनता से, कांग्रेसजनों से चर्चा कर सर्वसम्मति से तेरा-मेरा नहीं देखते हुए, जीतने वाले योग्य उम्मीदवार का चयन करें। हमें जल्दी से जल्दी उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को पूरा करना है, ताकि उम्मीदवारों को ज्यादा समय मिल सके। आज की राजनीति बेहद परिवर्तित राजनीति है, इसमें जो व्यक्ति जनता के सुख-दुख में सदैव खड़ा रहता है, वही जनता की पसंद होता है। कमलनाथ ने पार्टी नेताओं से आव्हान किया कि किसान आंदोलन के समर्थन में सभी अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक अभियान चलायें। आज किसान कड़ाके की ठंड में पिछले एक माह से इन तीन नये कृषि काले कानूनों के विरोध में सडक़ों पर आंदोलन कर रहा है। मोदी सरकार तानाशाह रवैया अपनाये हुए है। स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी ने अपने कार्यकाल में किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य दिलाने के लिए व किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, इसको लेकर प्रावधान किये थे। आज केंद्र की भाजपा सरकार इन काले कानूनों के माध्यम से एमएसपी को खत्म करना चाहती है, मंडी व्यवस्था को खत्म करना चाहती है, जमाखोरी, कालाबाजारी को बढ़ावा देना चाहती है, कॉर्पाेरेट जगत को बढ़ावा देकर किसानों को बर्बाद करना चाहती है। हमें इसकी सच्चाई आमजन के बीच में ले जाना चाहिए। इस अवसर पर बैठक में पांच प्रस्ताव पारित किये गये (1) किसान आंदोलन का समर्थन:- भारत एक कृषि प्रधान देश है, आज किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है। खाद, बीज, डीजल, दवाईयों की कीमतों में लगातार वृद्वि के कारण किसानों पर फसल की लागत में लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पारित किये गये तीन कृषि कानूनों के कारण किसान बर्बाद हो जाऐंगे। किसान इन कानूनों के खिलाफ पिछले एक माह से आंदोलन कर रहा है। इन किसान विरोधी काले कानूनों को तत्काल वापस लिया जाये। कांगे्रस किसान आंदोलन का पूर्ण समर्थन करती है। (2) नगरीय निकाय चुनाव - मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव तीन माह बढ़ा दिये गये है। इसके पीछे कोरोना महामारी को कारण बताया गया। जबकि इसी महामारी में देश के अन्य राज्यों में चुनाव संपन्न हुए हैं, प्रदेश में 28 उपचुनाव संपन्न हुए हैं। भाजपा की रैलियां व कार्यक्रम आज भी जारी हैं। भाजपा ने अपनी संभावित पराजय के डर से इन चुनावों को आगे बढ़ाया है। कांगे्रस मांग करती है कि नगरीय निकाय चुनाव शीघ्र कराये जाये। (3) बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, महिलाओं पर अत्याचार - शिवराज सरकार के राज में समूचे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराकर बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी है। शहडोल में 27 से अधिक बच्चों की अकाल मृत्यु, कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही, अस्पतालों में कभी आक्सीजन की कमी, कभी बिस्तरों, कभी डाक्टरों, कभी नर्सों की कमी, यह सामान्य सी बात हो गई है। यह स्थिति शिवराज सरकार के सुशासन की पोल खोल रही है। आज प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बहन-बेटियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं सामने आ रही है, बहन-बेटियों को पूजन से पहले सुरक्षा की आवश्यकता है। सरकार तत्काल इन्हें सुरक्षा प्रदान करे व बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करे। (4) बढ़ती महंगाई - महंगाई से राहत का वादा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार के राज में आज पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, रसोई गैस की कीमतों में 100 रूपये का इजाफा हो चुका है, बिजली की दर में दो प्रतिशत की वृद्धि की गई है। महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है। सरकार जनता को राहत प्रदान करते हुए पेट्रोलियम पदार्थों में लगने वाले करों में कमी करे और बिजली दर वृद्धि को तत्काल वापस ले। (5) बढ़ती बेरोजगारी - शिवराज सरकार में बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। आज युवा बेरोजगारी को लेकर बेहद आक्रोशित है। प्रदेश में हर वर्ग रोजगार की मांग को लेकर सडक़ों पर आंदोलन कर रहा है। शिवराज सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके। युवाओं के रोजगार से संबंधित कई योजनाओं को बंद कर दिया गया है। कांग्रेस मांग करती है कि इस कोरोना महामारी के भीषण संकटकाल में कई लोगों का रोजगार छिन चुका है, उन्हें रोजगार देने के लिए सरकार गंभीरता से तत्काल कदम उठाये। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय-hindusthansamachar.in