टावर लगाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को दिये गए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश
टावर लगाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को दिये गए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश

टावर लगाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को दिये गए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश

रतलाम, 19 अक्टूबर (हि.स.)। नगरीय क्षेत्र में भूमि की कमी तथा स्कूलों में भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक संस्थाओं के परिसरों, शासकीय चिकित्सालय और सार्वजनिक उद्यान और खेल के मैदानों में अवसंरचना संस्थापित करने के लिए अनुज्ञप्ति प्रदान नहीं की जाएगी। यह बात सोमवार को विभिन्न दूरसंचार कंपनियों के टावर लगाने के लिए प्राप्त हुए आवेदनों के विचार-विमर्श के लिए आयोजित बैठक में कही गई। बैठक में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अपर कलेक्टर जमुना भिड़े की उपस्थिति में आयोजित हुई। बैठक में दस आवेदन प्राप्त हुए, जिन पर विचार विमर्श किया गया। श्रीमती भिड़े ने समिति के सदस्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि उनके विभाग से संबंधित मानदंडों के अनुसार अध्ययन करते हुए प्राप्त आवेदनों पर अपनी अनुशंसा अथवा अभिमत प्रस्तुत करें। सभी संबंधित विभागों के अभिमत पश्चात आवेदनों पर एनओसी देने के लिए आगामी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उपस्थित दूरसंचार प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि बगैर एनओसी के वे टावर स्थापना का कार्य आरंभ नहीं करें। टावर जिस भूमि पर लगाए जाना है वहां एनओसी के लिए शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। बताया गया कि भवनों पर टावर स्थापना के लिए स्थायित्व प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से कंपनियों को देना होगा। आवेदक उस प्रस्तावित भवन की संरचना का जहां पर टावर खड़ा किया जाना है, मध्यदेश भूमि विकास नियम 2012 के नियम 26 के उपबंधों के अनुसार सक्षम अभियंता या वास्तुविद से सुरक्षा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेगा। टावर की स्थापना, मरम्मत, अनुरक्षण के संबंध में अनुज्ञापन प्राधिकारी को सूचना प्रदान किया जाना होगी। आवेदक द्वारा कोई भी खुदाई या उत्खनन किए जाने के पूर्व अनुज्ञप्तिधारी अनुज्ञापन प्राधिकारी को सूचना देना होगी। आवेदक का यह भी व्यक्तिगत उत्तरदायित्व होगा कि वह प्रभावित क्षेत्रों को उसकी वास्तविक अवस्था में वापस लाएं। कार्य के निष्पादन के दौरान अनुज्ञप्तिधारी सार्वजनिक एवं शासकीय लोक संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी-hindusthansamachar.in

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