झील संरक्षण योजना के तहत होगा अमृत सागर तालाब का जीर्णोद्धार, मिली स्वीकृति
झील संरक्षण योजना के तहत होगा अमृत सागर तालाब का जीर्णोद्धार, मिली स्वीकृति

झील संरक्षण योजना के तहत होगा अमृत सागर तालाब का जीर्णोद्धार, मिली स्वीकृति

रतलाम, 26 सितम्बर (हि.स.)। जिले में स्थित राजवंश के जमाने का अमृत सागर तालाब कई वर्षों से जलकुंभी और गंदे नालों से युक्त होकर क्षेत्र के साथ ही शहर के लिए एक प्रदूषण केंद्र बन चुका है। उसके जीर्णोद्धार का प्रस्ताव कई बार बना, लेकिन सफल नहीं हुआ। अब विधायक चेतन्य काश्यप के प्रयासों से इसके उद्धार की पुन: योजना बनी है। झील संरक्षण योजना के तहत केंद्र ने 22.84 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति देते हुए पहली किश्त के रुप में 6.85 करोड़ रुपये का अनुदान राज्य शासन को दे दिया है। अब राज्य शासन से राज्य का अंश मिलने के बाद इसके उद्धार की कार्रवाई शुरू होगी। विधायक काश्यप ने शनिवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 0.18 वर्ग किलोमीटर में फैले अमृत सागर तालाब की स्थिति जलकुम्भी और नालों का पानी मिलने से दूषित हो गई है। इसमें रतलाम के 2 प्रमुख नालों, बोहरा बाखल तथा लक्कड़पीठा नाले का गंदा पानी मिलता है। एक-डेढ़ दशक से इस तालाब में जलकुम्भी की समस्या निरन्तर निर्मित हो रही है। झील संरक्षण योजना के तहत बनाई गई जीर्णोद्वार की योजना में जलकुम्भी की समस्या को जड़ से समाप्त करने का प्रावधान है। इसके साथ ही सम्पूर्ण क्षेत्र का सौंदर्यीकरण एवं तालाब की पाल का व्यवस्थित निर्माण कर इसे सुन्दर पर्यटन स्थल का रूप देने की योजना भी प्रस्तावित है। इसके अलावा योजना में नालों के दुषित पानी का मार्ग भी परिवर्तित करना प्रस्तावित है, जिससे यह तालाब भविष्य में आकर्षण का केन्द्र बन सकेगा। हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी-hindusthansamachar.in

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