जब्त वाहन के निजी उपयोग के मामले में निलंबित रेंजर को बचाने में जुटा विभाग
जब्त वाहन के निजी उपयोग के मामले में निलंबित रेंजर को बचाने में जुटा विभाग

जब्त वाहन के निजी उपयोग के मामले में निलंबित रेंजर को बचाने में जुटा विभाग

सिवनी, 19 जुलाई(हि.स.)। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के दक्षिण सामान्य वनमंडल के परिक्षेत्र सिवनी में दो वर्ष पूर्व अंर्तराष्ट्रीय कछुआ तस्करी के मामले में एक वाहन जब्त किया गया था। जब्त वाहन के निजी उपयोग करने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी के.के.तिवारी को 07 जुलाई को मुख्य वनसंरक्षक आर.एस.कोरी ने निलंबित कर दिया है। वहीं निलंबित रेंजर राजनीतिक, सामाजिक पहुंच के चलते इस प्रकरण को जल्द से जल्द निपटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं । विभागीय सूत्रों व राजनैतिक गलियारों में चल रही चर्चा के अनुसार निलंबित रेंजर पर हुई कार्यवाही को लेकर राजनैतिक व सामाजिक व्यक्ति विशेष वरिष्ठ अधिकारियों से मिल चुके है और अग्रिम कार्यवाही न करने का निवेदन कर चुके है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार मुख्य वनसंरक्षक को जब इस बात की जानकारी लगी तो दूसरे दिन सुबह सिवनी परिक्षेत्र के एक ड्रायवर को मुख्य वनसंरक्षक ने बुलाया और पूछा कि जब्ती वाली गाडी का क्या किया। तब उसने बताया कि उसने दो बार गाडी को सुधरवाया है क्योंकि रेंजर के.के.तिवारी के पुत्र-पुत्रीयां इस वाहन को चला रहे थे और उन्होनें जब्त वाहन को चलाते समय दुघर्टनाग्रस्त कर दिया था। जिसके बाद वह वाहन सुधरवाने के लिए बस स्टैड के मोटर मेेकेनिक के पास लेकर गया था। मोटर मैकेनिक के अनुसार वन विभाग की एक नीली कलर की लग्जरी गाडी मेरे पास सुधरने आई थी। मुझे नही मालूम था कि वन्य प्राणी की तस्करी में जब्त की गई थी। मेरा काम गाडी सुधारना है जो मेने सुधारा है। इस गाडी के सुधारने संबंधित बयान वन विभाग के अधिकारियों द्वारा लिए गये है। उक्त गाड़ी तीन दिन बाद सिवनी रेंज में शाम के समय छोड़ दी थी। गाड़ी सुधरवाई के पैसें देने में भी रेंजर द्वारा आना-कानी की गई थी। एक नजर इधर भी वन विभाग,पुलिस विभाग , लोकायुक्त , कस्टम, एसटीएसएफ, एसटीएफ, ईओडब्ल्यू व अन्य संगठन जो भ्रष्टाचार,गबन की जांच करते है वह कभी इन प्रकरणों की जांच कर ले तो बहुत से पर्दे उठ सकते है और रेंजर सहित वन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों पर इन मामले पर गाज गिर सकती है। जिनमें शुक्रवारी में काले हिरण का मामला, कुरई विकासखंड में पदस्थ तहसीलदार के घर सागौन की जब्ती,जंगली सुअर प्रकरणों में अपराधियों को छोडना, रेत खनन वालों प्रकरण और ऐसे कई प्रकरण जिनमें अपने पदीय कर्तव्यों का फायदा उठाते हुए वनपरिक्षेत्र ने शासन को करोडों रूपयो का नुकसान पहुंचाया है। कार्रवाई से कतरा रहा वन विभाग निजी उपयोग किये गये जब्त वाहन के मामले में रेंजर के.के.तिवारी को निलंबित किया जा चुका है, लेकिन रेंजर के पुत्र पर अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई है। विधि विशेंषज्ञों के अनुसार जब्त वाहन चलाने पर पदीय कर्तव्यों के साथ कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए वाहन चालक पर कार्यवाही किया जाना चाहिए। लेकिन महकमा इससे भी कतरा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/रवि/केशव-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in