जनता की आखों में धूल झोंकने के लिए कमलनाथ लाए पूरक वचन पत्र : विष्णुदत्त शर्मा
जनता की आखों में धूल झोंकने के लिए कमलनाथ लाए पूरक वचन पत्र : विष्णुदत्त शर्मा

जनता की आखों में धूल झोंकने के लिए कमलनाथ लाए पूरक वचन पत्र : विष्णुदत्त शर्मा

भोपाल, 17 अक्टूबर (हि.स.)। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने अपने 15 महीनों के कार्यकाल में चुनाव के समय जारी किए गए अपने वचन पत्र का एक भी वादा पूरा नहीं किया। अब 28 विधानसभाओं के चुनाव देखते हुए कमलनाथ एक और पूरक वचन पत्र ले आए हैं, ताकि एक बार फिर से जनता की आंखों में धूल झोंकी जा सके। लेकिन प्रदेश की जनता संवेदनशील है। उसने कमलनाथ सरकार की 15 महीनों की कारगुजारियों को देखा है। इसलिए वह किसी भी तरह कांग्रेस के झांसे में आने वाली नहीं है। यह बात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने शनिवार को पत्रकारवार्ता के दौरान कांग्रेस के पूरक वचन पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कही। कांग्रेस की हालत बताता है पूरक वचन पत्र उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह वचन पत्र पार्टी की अंदरूनी हालत को प्रकट करता है। इसमें कोई घोषणा नहीं है। कमलनाथ के अलावा कोई दूसरा नेता इस वचन पत्र में कही नजर नहीं आता। नया वचन पत्र जारी करते समय कमलनाथ जी ने 4 मिनट में 5 बार भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को कोसा। इससे पता चलता है कि कांग्रेस और कमलनाथ हमारे मुख्यमंत्री और पार्टी से किस कदर भयभीत हैं। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी के पास अगर नए वचनपत्र में जनता को देने के लिए कोई वादा नहीं था तो कम से कम पुराने वचनपत्र के वादे पूरे न करने के लिए जनता से माफी ही मांग लेते। वचनपत्र देखकर लगता है कि अब राहुल गांधी भी कमलनाथ से हाथ खींचने लगे हैं, क्योंकि 10 दिन में कर्जमाफी का वादा उन्होंने ही किया था, जो कभी पूरा नहीं हुआ। कांग्रेस की कर्जमाफी सफेद झूठ शर्मा ने कहा कि 2018 में जारी किए गए कांग्रेस के 75 बिंदुओं वाले वचनपत्र की सबसे अहम बात किसानों की कर्जमाफी थी, लेकिन कर्जमाफी का दावा सफेद झूठ है। जिस 6000 करोड़ की कर्जमाफी की बात कमलनाथ करते हैं, वास्तव में कांग्रेस सरकार ने उस 6000 करोड़ से बैंकों का एनपीए चुकाया है, कर्जमाफी नहीं की। कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में कर्जमाफी के फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक पेन ड्राइव में जिन किसानों की सूची लेकर घूम रहे हैं, उसमें अधिकांश नाम फर्जी हैं। आज प्रदेश का किसान कमलनाथ से ये पूछ रहा है कि उनके साथ ऐसा कपट, ये गद्दारी कांग्रेस की सरकार ने क्यों की? अधूरा रहा कांग्रेस का हर वादा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने अपने 2018 के वचन पत्र में कहा था कि हम अनाज, सब्जियों पर किसानों को बोनस देंगे, दूध पर बोनस देंगे, लेकिन किसी किसान को एक रुपया बोनस नहीं दिया। डीजल-पेट्रोल पर छूट देने के साथ लोगों को आवास के अधिकार की बात, नौजवानों को 4 हजार रुपये महीना बेरोजगारी भत्ता, व्यवसाय के लिए रियायती दरों पर कर्ज, रोजगार प्रोत्साहन के लिए 10 हजार रुपये का अनुदानयुक्त ऋण देने की बात कही थी, लेकिन कमलनाथ सरकार ने इन वादों को पूरा नहीं किया। दूसरी तरफ हमारी शिवराज सरकार ने सिर्फ 6 महीनों के कार्यकाल में लाखों स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपये तक का ब्याजमुक्त कर्ज उपलब्ध करा दिया है। शुक्र है, वचन पत्र में कोरोना की बात तो की शर्मा ने कहा कि शुक्र है कांग्रेस ने अपने पूरक वचन पत्र में कोरोना की बात तो की, वरना कमलनाथ सरकार ने तो अपने कार्यकाल में इस संकट पर एक शब्द नहीं कहा और न ही कुछ किया। इस संकट को कांग्रेस और कमलनाथ सरकार ने कितनी गंभीरता से लिया, यह कमलनाथ के उस ऑडियो से पता चलता है, जिसमें वे मीडिया से कह रहे हैं कि पहले राजनीतिक वायरस से तो निपट लें, कोरोना फिर देखेंगे। मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ आइफा अवार्ड की तैयारियों में लगे रहे, लेकिन कोरोना संकट से निपटने पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कोरोना संकट से मुकाबले के लिए व्यवस्थाएं कीं और भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी जान संकट में डालते हुए पीडि़तों की मदद की। दरबारी होने का रिवार्ड मिला था कमलनाथ को शर्मा ने कहा कि भाजपा जल्दी ही हर विधानसभा के लिए अलग-अलग संकल्प पत्र जारी करने जा रही है, लेकिन मैं कमलनाथ से पूछना चाहता हूं कि हर विधानसभा के लिए उनका वचन पत्र कहां है? कमलनाथ ऐसा कर भी नहीं सकते, क्योंकि वे कभी जमीन पर उतरे ही नहीं। उन्हें यह भ्रम हो गया था कि मैं मध्यप्रदेश का जननेता हूं, मुझे जनता ने चुना है, लेकिन वास्तविकता यह है कि उन्हें जनता ने नहीं चुना, बल्कि उन्हें एक परिवार का दरबारी होने का रिवार्ड मिला था। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश / उमेद-hindusthansamachar.in

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