गाइडलाइन को लेकर निराशा, विहिप-बजरंगदल ने पुनर्विचार के लिए सौंपा ज्ञापन
गाइडलाइन को लेकर निराशा, विहिप-बजरंगदल ने पुनर्विचार के लिए सौंपा ज्ञापन

गाइडलाइन को लेकर निराशा, विहिप-बजरंगदल ने पुनर्विचार के लिए सौंपा ज्ञापन

गुना, 30 सितम्बर (हि.स.)। पिछले सात माह से दहशत और चिंता का कारण बने कोरोना वायरस से देश-दुनिया को मुक्ति मिलेगी, इस आशा और विश्वास के साथ श्रद्धालु नवदुर्गा महोत्सव की तैयारियों में जुट गए है। हालांकि अन्य त्यौहारों की तरह कोरोना की काली छाया माँ शक्ति की विशेष आराधना के इस पर्व पर भी पड़ी है। जिसके चलते शासन द्वारा निर्धारित गाइड लाइन को लेकर जहां तैयारियों पर असर पड़ रहा तो श्रद्धालुओं में भी निराशा है। इसी क्रम में विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल ने प्रशासन को बुधवार को ज्ञापन सौंपकर गाइड लाइन पर पुनर्विचार करने की मांग की है। कोरोना वायरस संक्रमण का असर त्यौहारों पर लगातार पड़ रहा है। भगवान गणेश जी की विशेष आराधना के पर्व गणेशोत्सव पर भी झांकियां लगाने की अनुमति नहीं मिली थी। इससे जहां श्रद्धालुओं में खासी निराशा देखने को मिली थी तो प्रतिमा निर्माण कारीगरों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बाद नवदुर्गा महोत्सव के दौरान माँ दुर्गा जी के दरबार सजाने की अनुमति शासन की ओर से मिल गई है, किन्तु इसको लेकर जो गाइड लाइन शासन ने जारी की है। उसके मद्देनजर महोत्सव का उत्साह फीका पड़ऩे की आशंका है। श्रद्धालुओं के मुताबिक इतने नियम कायदे गाइड लाइन में जोड़ दिए गए हैं कि महोत्सव का आनंद ही खत्म हो जाएगा। सब चालू तो त्यौहारों पर पाबंदियां क्यों नवरात्रि पर्व के लिए जारी की गई गाइडलाइन पर आक्रोष प्रगट करते हुए विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल ने बुधवार को जिला प्रशासन को एक ज्ञापन दिया। हालांकि उन्होने इस दौरान नवदुर्गा महोत्सव में माँ दुर्गा जी की झांकियां लगाने की अनुमति देने पर शासन का आभार भी माना है। ज्ञापन के मुताबिक जब होटल, भोजनालय, राजनीतिक सभा, शराब की दुकानें सब चालू है तो पर्व की गाईड लाइन पर भी पुर्नविचार होना चाहिए। ज्ञापन में झांकियों के पांडाल की साइज बढ़ाने, मूर्ति रखने, ज्वारे बोने एवं सुचारू रूप से पूजा-अर्चना करने की स्वतंत्रता देने की मांग की गई है। ज्ञापन के माध्यम से मूर्तिकारों की आर्थिक स्थिति का भी जिक्र किया गया है। यह है गाइड लाइन प्रतिमाएं अधिकतम 6 फीट ऊंची हो सकती हैं। पंडाल का साइज भी 10 बाई 10 फीट अधिकतम होगा। सामाजिक/सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजन में 100 से कम व्यक्ति ही रह सकेंगे हैं। कार्यक्रम की पूर्व से अनुमति लेनी जरूरी। किसी भी तरह के जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी। गरबा भी नहीं होगा। मूर्ति विसर्जन के लिए 10 से अधिक व्यक्तियों के समूह को अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। आयोजकों को अलग से जिला प्रशासन से लिखित अनुमति पहले से लेनी आवश्यक है। झांकियों, पंडालों और विसर्जन के आयोजनों में श्रद्धालु फेस कवर, सोशल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाइजर का प्रयोग करेंगे। प्रशासन द्वारा तय विसर्जन स्थलों पर ही विसर्जन करना होगा। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

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