गांव घोड़ापल्ला में शिक्षक का सराहनीय प्रयास
गांव घोड़ापल्ला में शिक्षक का सराहनीय प्रयास

गांव घोड़ापल्ला में शिक्षक का सराहनीय प्रयास

रतलाम, 20 दिसम्बर (हि.स.)। रतलाम जिले के शिवगढ़ के आदिवासी अंचल में बसा गांव घोड़ा पल्ला जहां पालक लोग पढ़े लिखे नहीं हैं बच्चों को शिक्षा का महत्व बताना पड़ता है हमारा घर हमारा विद्यालय अंतर्गत प्रतिदिन 5 बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। इस अंचल में पढ़ाना मतलब पत्थर से पानी निकालना ,पत्थर में फूल खिलाना और यहां से कई बच्चे पढ़ कर आगे गए हैं। शिक्षक देवेंद्र वाघेला द्वारा लगातार इस हेतु प्रयास किए जा रहे हैं। नवाचार किए और शोध किया जा रहा है। बच्चे पढ़े आगे बढ़े, अंधेरे से उजाले की ओर जाए, बच्चों का अच्छा रोजगार मिल जाए, इसलिए पढऩा जरूरी है। बच्चों की सारी सुविधा के लिए प्रयास कर रहे हैं। वाघेला ने बच्चों की शिक्षा व परामर्श के लिए हर समय तैयार बच्चों को वर्क बुक का काम करवाया। गणित के सवाल, हिंदी की दक्षता, इंग्लिश की पोयम ,सुंदर लेखन ,जोड़ गुणा भाग करवाया और सभी को वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण हाथ धोने स्वच्छता रखने व मास्क वितरण किए गए और सावधानी रखने को कहा गया। हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी-hindusthansamachar.in

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