केन्द्रीय दल ने बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों का किया निरीक्षण, अन्य नुकसान का भी लिया जायजा
केन्द्रीय दल ने बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों का किया निरीक्षण, अन्य नुकसान का भी लिया जायजा

केन्द्रीय दल ने बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों का किया निरीक्षण, अन्य नुकसान का भी लिया जायजा

भोपाल, 11 सितम्बर (हि.स.)। प्रदेश में बाढ़ और अतिवृष्टि से हुई फसलों एवं जन-धन हानि का आंकलन करने के भारत सरकार के संयुक्त सचिव लिये आशुतोष अग्निहोत्री नेतृत्व में केन्द्रीय दल द्वारा शुक्रवार को प्रदेश के रायसेन, होशंगाबाद, देवास एवं सीहोर जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। दल में एनआरएलएम डायरेक्टर सौरभचंद्र दुबे, अपर आयुक्त हरिशंकर मिश्रा, आरडीए के सीनियर इंजीनियर सुमित कुमार, जनशक्ति मंत्रालय के अधीक्षण अभियंता मनोज तिवारी तथा सुभाषचंद्र मीना सम्मिलित थे। रायसेन केन्द्रीय दल द्वारा रायसेन, गैरतगंज और गौहरगंज तहसील के ग्राम पडौनिया, बबुलिया पवार, मेंढ़की, पगनेश्वर, धनियाखेड़ी, धोबाखेड़ी और मेंहगाँव में बाढ़ से प्रभावित फसलों के साथ जन-धन एवं पशु हानि आदि के हुए नुकसान का जायजा लिया। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव द्वारा केन्द्रीय दल को बताया कि जिले के 45 हजार 210 किसानों की कुल 55176.12 हेक्टेयर क्षेत्र में तैयार फसल को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 26,107 हेक्टेयर में सोयाबीन, 16,301 हेक्टेयर में धान की फसल प्रभावित हुई। इसी प्रकार उड़द 2060 हेक्टेयर, मक्का 5695 हेक्टेयर, तूअर 3318 हेक्टेयर, तिल 471 हेक्टेयर तथा 1220 हेक्टेयर भूमि में मूंग की फसल नष्ट हुई। कीटव्याधि से 132077 हे. क्षेत्र प्रभावित केन्द्रीय दल ने कीट व्याधि फसलों का भी निरीक्षण किया। दल को बताया गया कि जिले में कीटव्याधि से एक लाख 21 हजार किसानों की कुल 1,32,077 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी सोयाबीन, धान, उड़द, मक्का तथा मूंग की फसलें प्रभावित हुई, इसमें 1,11,842 हेक्टेयर में सोयाबीन, 1541 हेक्टेयर में धान, 14,444 हेक्टेयर में उड़द, 840 हेक्टेयर में मक्का तथा 3409 हेक्टेयर में मूंग फसल को नुकसान हुआ है। बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए 9924 भवन केन्द्रीय दल द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त हुए भवनों एवं अन्य अधोसंरचना का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर ने बताया कि रायसेन जिले में बाढ एवं अतिवर्षा से 9924 मकान क्षतिग्रस्त हुए, इसमें पूर्ण रूप से 26 कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए। गंभीर रूप से 838 कच्चे-पक्के मकान एवं आंशिक रूप से 1447 मकान अतिवर्षा से क्षतिग्रस्त हुए। आंशिक रूप से 6505 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त, 429 पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त झोपड़ी तथा 179 पशुघर क्षतिग्रस्त हुए। देवास केन्द्रीय दल ने देवास जिले के ग्राम नीमनपुर में बाढ़ से प्रभावित फसलों का निरीक्षण किया। कृषक महेश द्वारा 4 एकड़ में लगी सोयाबीन की फसल बाढ़ से पूरी तरह समाप्त हो गई। दल ने उसके पश्चात् एक अन्य कृषक कृष्ण गोपाल के खेत में नष्ट हुई फसल का निरीक्षण किया। यहाँ भी 4 एकड़ में लगी सोयाबीन पूरी तरह अतिवृष्टि के कारण समाप्त हो गई है। इसके अलावा नर्मदा नदी के किनारे मछली पालन करने वाले परिवार के जाल एवं अन्य सामग्री भी पानी के बहाव में बह गई। कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला ने दल को बताया कि नर्मदा नदी में आई बाढ़ के कारण जिले के 49 गाँव के 22 हजार 658 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसल नष्ट हो गई। तात्कालिक सहायता के रूप में 515 प्रभावित परिवारों को 33 लाख 65 हजार 200 रुपये वितरित किए गए। इसके अलावा 75 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए तथा लगभग 2,360 मकानों को आंशिक क्षति पहुँची। सीहोर सीहोर जिले में केन्द्रीय दल ने अतिवृष्टि, बाढ़ एवं कीटव्याधि से हुई फसल क्षति तथा अन्य नुकसान का निरीक्षण किया। दल द्वारा नसरूल्लागंज के सोनखेड़ी, चमेटी, छिदगाँव काछी, नीलकंठ, सातदेव गाँवों का निरीक्षण किया। उपस्थित लोगों से नुकसान की जानकारी ली। रेहटी के अन्तर्गत ग्राम जाजना, नेहलाई में फसलों एवं क्षतिग्रस्त मकानों का अवलोकन किया। होशंगाबाद होशंगाबाद जिले में निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान दल ने ग्राम बांद्राभान, सांगाखेड़ाकला, बालाघाट आदि ग्रामों में हुए फसल के नुकसान एवं क्षतिग्रस्त मकानों का अवलोकन कर हुए नुकसान का मुआयना किया। दल द्वारा प्रत्यक्षदर्शियों से बाढ़ की विभीषिका एवं होने वाले नुकसान के बारे में व्यक्तिगत रूप से समक्ष में चर्चा की। चर्चा में ग्राम बालाभेंट के कृषक शंकरलाल सेनी एवं पुनिया बाई से उनकी फसल एवं मकान में हुए नुकसान की चर्चा की। कलेक्टर धनंजय सिंह ने बताया की बाढ़ आपदा से प्रभावित लोगों के नुकसान का सर्वे कार्य व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। प्रभावितों को राहत भी स्वीकृत की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in

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