केंद्रीय मंत्री की चिट्टी से जागी उम्मीद, राष्ट्रकवि की पोती का परिवार इंसाफ के लिए लगा रहा अफसरों की चौखट पर चक्कर
केंद्रीय मंत्री की चिट्टी से जागी उम्मीद, राष्ट्रकवि की पोती का परिवार इंसाफ के लिए लगा रहा अफसरों की चौखट पर चक्कर

केंद्रीय मंत्री की चिट्टी से जागी उम्मीद, राष्ट्रकवि की पोती का परिवार इंसाफ के लिए लगा रहा अफसरों की चौखट पर चक्कर

उज्जैन/नागदा, 28 सितम्बर (हि.स.)। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गेहलोत की पहल पर लिखी गई चिट्टी से उसे अब इंसाफ की उम्मीद जागी है। वह शख्स वर्षों से न्याय पाने के लिए अफसरों की चौखट पर चक्कर काटकर मायूस हो चुका है। यहां तक जनसुनवाई में कई आवेदन के बाद भी न्याय नसीब नहीं हुआ। यह शख्स अफसरों की बेपरवाही से हार केंद्रीय मंत्री गेहलोत के समक्ष एक पत्र के माध्यम से पीड़ा अभिव्यक्त करने के लिए विवश हुआ। उसके एक पत्र पर मंत्रीजी के कार्यालय नईदिल्ली से संबधित अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही का निर्देश जारी हुआ है। यह कहानी जाने-माने स्वाधीनता सेनानी एवं राष्ट्रकवि स्व: नटवरलाल स्नेही निवासी नागदा की पोती के परिवार से जुड़ी है। गांधी मानस महाकाव्य रचयिता दिवंगत स्नेही के साहित्य को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पुरस्कत किया है। मप्र शासन ने स्नेही की रचना को पाठयक्रम में भी शामिल किया। स्नेही के दामाद कवि कमलेश ने उनकी समस्या के समाधान के लिए मंत्रीजी के कार्यालय में लिखित में गुहार की थी। मंत्री के निर्देश सीएमओ के नाम पीडि़त कवि कमलेश दवे निवासी नागदा की समस्या का निराकरण करने के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत के अतिरिक्त निजी सचिव योगेश कुमार उपाध्याय ने मुख्य नपा अधिकारी नागदा को पत्र भेजा है। जिसकी एक प्रति पीडि़त कमलेश को भी प्राप्त हुई। जिसमें निजी सचिव ने लिखा है कि मंत्रीजी के निर्देश पर उचित कार्यवाही के लिए सीएमओ नागदा को निर्देशित किया है। कमलेश ने यह प्रति हिंदुस्थान समाचार को उपलब्ध कराई है। यह है समस्या कमलेश ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि उन्होंने नगरपालिका के विजयाराजे सिंधिया कॉम्पलेक्स के तलघर में वर्ष 2010 में एक दुकान क्रमांक तीन लाख 23 हजार रुपये में खरीदी थी। पंजीयन शुल्क एवं रंगाई-पुताई समेत दुकान पर लगभग 3 लाख 75 हजार कुल खर्च हुआ। इस तलघर में अब जमीन से पानी ऊपर आता है। तीन -चार फिट पानी भरा रहता है। दुकान पर लाखों खर्च करने के बाद भी कोई व्यवसाय इसलिए नहीं कर पा रहा हैष वर्ष 2018-19 में नपा ने इसी कॉम्प्लेक्स की दूसरी मंजिल पर वाचनालय का निर्माण किया। इसके निर्माण के समय पालीटेकनिक कॉलेज उज्जैन ने स्टेबिलिटी टेस्ट 19 नवबर 2018 में बताया कि कॉम्प्लेक्स की तलघर में पानी भरता है। इस समस्या को दूर किया जाए उसके बाद ही दूसरी मंजिल का निर्माण कर वाचनालय का निर्माण किया जाए। नपा ने इस रिपोर्ट की उपेक्षा कर निर्माण किया। इस कारण कॉम्प्लेक्स कभी भी गिर सकता है। जान-माल की हानि हो सकती है। इस भवन में कई लोग कारोबार चला रहे हैं। वाचनालय में भी कई विधार्थी आते हैं उन पर भी खतरा मंडराता है। ऐसी स्थिति में नपा पीडि़त को नई दुकान आवंटित करें या उनका जमा पैसा वापस किया जाए। कमलेश ने अपनी इस लड़ाई के दौरान नपा में 15 बार, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन के समक्ष 3 बार, जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष 5 बार, सीएम हेल्पलाइन में एक बार तथा एसडीएम नागदा से भी कई बार शिकायत की, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। कमलेश का कहना है कि केंद्रीय मंत्री गेहलोत के निर्देश से अब संबल मिला है। हिन्दुस्थान समाचार / कैलाश सनोलिया-hindusthansamachar.in

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