कलेक्ट्रेट के बाबू की धौंस देकर चल रही सरपंची
कलेक्ट्रेट के बाबू की धौंस देकर चल रही सरपंची

कलेक्ट्रेट के बाबू की धौंस देकर चल रही सरपंची

तहसीलदार की उपस्थिति में हुई सोशल ऑडिट और जनसुनवाई रीवा, 23 सितम्बर (हि.स.)। जिले के जनपद पंचायत मऊगंज के ग्राम पंचायत नौढिय़ा प्रहलाद मेंं बुधवार को सोशल ऑडिट और जनसुनवाई का कार्यक्रम रखा गया, जिसमें सैकड़ो लोग एकत्रित हुए और अपनी पंचायत की समस्याओं को मीडिया, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रशासन की तरफ से उपस्थित तहसीलदार के समक्ष रखी और पंचायती भ्रष्टाचार जांच की मांग की। कार्यक्रम में इस बात का खुलासा हुआ कि सरपंच का चाचा कलेक्ट्रेट में बाबू है जो सरपंच के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालता है। बाबू के दम पर सरपंची चल रही है। ग्राम पंचायत नौढिया प्रहलाद में अनुमानित तौर पर देखा जाए तो लगभग 50 लाख से अधिक राशि का बंदरवाट होना पाया गया। सोशल ऑडिट और जनसुनवाई में जिन निर्माण कार्यों की चर्चा की गई उसमें पीसीसी सह नाली निर्माण मुख्य मार्ग से दर्जी बस्ती तक जिसमें 3 लाख 72 हज़ार की निकासी बताई गई। अगला कार्य मेन रोड से रमेश बसोर के घर तक सोशल ऑडिट और जनसुनवाई के दौरान जिन निर्माण कार्यो की चर्चा की गई उसमें ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि सार्वजनिक चबूतरा निर्माण के लिए 30 जून 2019 को 4 लाख रुपये की निकासी की गई थी लेकिन कार्य सरपंच ने अपने घर में करवा लिया। इसी प्रकार हिन्छलाल कोरी के घर के पास नाली निर्माण और मंगलदीन पटेल के घर के पास भी नाली निर्माण के कार्य बताए गएस जिसकी 4 लाख 32 हज़ार रुपये की निकासी की गई है लेकिन न तो कहीं नाली है और न कहीं पीसीसी सड़क। इसी प्रकार दर्जनों अन्य कार्यों में अनियमितता देखने को मिली। इस प्रकार लगभग कुल मिलाकर 50 लाख के आसपास की व्यापक अनियमितता देखने को मिली। बिना कार्य ही निकाली लाखों की राशि बताया गया कि शिव प्रसाद पटेल जो कि भोपाल में रहते हैं उनके नाम पर 10 लाख 86 हजार रुपये की राशि मनरेगा के माध्यम से निकाली गई। ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि उन्होंने सोशल ऑडिट और जनसुनवाई के दौरान तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन सौंपा, जिसमें ग्राम पंचायत नौढिया प्रह्लाद में बुधवार के दिन किए गए सोशल ऑडिट और जनसुनवाई के विषय में जानकारी दी गई। इस बीच पूर्व में अगस्त 2020 को संभागायुक्त, कलेक्टर रीवा, एवं जिला पंचायत सीईओ रीवा में केसरी प्रसाद पटेल के माध्यम से दी गई शिकायत के विषय में भी तहसीलदार को अवगत कराया गया। लेकिन सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में तहसीलदार ने न तो शिकायत पर कोई विशेष तवज्जो दिया और न ही कोई विशेष आश्वासन दिया कि पंचायत की जांच करवाएंगे अथवा नहीं। जिसको लेकर ग्रामीणों ने काफी रोष व्यक्त किया और इस बीच उपस्थित मीडिया कर्मियों के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यथा व्यक्त की और बताया कि हर बार कोई न कोई अधिकारी को लिखित शिकायत प्रस्तुत की जाती है लेकिन कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं देता है। हिन्दुस्थान समाचार / विनोद शुक्ल-hindusthansamachar.in

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