ऐसे कैसे बनेगा गुना मिनी स्मार्ट सिटी
ऐसे कैसे बनेगा गुना मिनी स्मार्ट सिटी

ऐसे कैसे बनेगा गुना मिनी स्मार्ट सिटी

गुना, 13 सितंबर (हि.स.)। सरकार ने तो बहुत पहले गुना शहर को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की विधिवत घोषणा कर दी। यही नहीं शहर को हर क्षेत्र में विकसित करने के लिए करोड़ों रुपए की कई अति महत्वाकांक्षी योजनाओं के जरिए प्रशासन को बजट उपलब्ध कराया। लेकिन अधिकारियों के उदासीन रवैए के कारण आज तक मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाए हैं। सभी योजनाएं व विकाय कार्य अधूरे पड़े हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत यह है कि पांच साल बाद भी शहरवासी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं, लेकिन अधिकारी हर साल बैठकें कर वहीं पुराने निर्देशों को दोहराने में जुटे हुए हैं। यह स्थिति देख शहरवासियों में चर्चा है कि क्या ऐसे ही गुना शहर मिनी स्मार्ट सिटी बनेगा। जानकारी के मुताबिक गुना शहर को वर्ष 2015 में मिनी स्मार्ट सिटी बनाने के लिए मप्र के चुनिंदा 12 शहरों में शामिल किया गया था। लेकिन पांच साल बाद भी शहर के हालातों में ज्यादा परिवर्तन नहीं आया है। सबसे बड़ी बात है कि इन पांच सालों में मिनी स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सबसे जरूरी ड्रेनेज सिस्टम तक नहीं सुधर पाया है। आज भी शहर के प्रत्येक वार्ड में जल निकासी न होने से घरों का गंदा पानी घरों के आसपास ही फैल कर जमा हो रहा है। इसी तरह शहर की जटिल समस्या बन चुकी अतिक्रमण व यातायात भी नहीं सुधर सका है। शहर के एबी रोड सहित मुख्य मार्गों व बाजार से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है। पार्किंग के अभाव में यातायात व्यवस्था चौपट है। बिजली वितरण समस्या हाइटेक होने की वजाए सामान्य दर्जे की है। आज भी अधिकांश उपभोक्ता आकलित खपत के बिलों का दंश झेलने को विवश हैं। लाइट वितरण नियमित नहीं है, कभी भी लाइट गुल हो जाती है। शहर के जीवनदायिनी दो प्रमुख प्रोजेक्ट, जिसमें 29.88 करोड का पेयजल पाइन विस्तार कार्यक्रम व 89.83 करोड़ का सीवर लाइन परियोजना आज भी अधूरी है। वहीं अमृत सिटी योजना के तहत चलने वाली सूत्र सेवा बसें भी अभी तक पूरी चालू नहीं हो पाई हैं। वहीं सूत्र सेवा की बसें चलाने के लिए जिस जज्जी बस स्टैंड पर लाखों रुपए खर्च किए गए, वहां आज भी अधूरा है। पेयजल से टॉयलेट के समुचित इंतजाम नहीं हैं। सूत्र सेवा की बसें चलाने बनाया जा रहे कार्यालय का निर्माण दो साल बाद भी अधूरा है। यह होना है मिनी स्मार्ट सिटी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को देखने वाले अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के तहत शहर के भीतर कोई अलग शहर नहीं होगा, बल्कि शहर के मौजूदा ढांचे और व्यवस्थाओं को ही बेहतर व स्मार्ट बनाया जाएगा। इनमें सडक़ें, ट्रैफिक पुरातत्व महत्व की जगहें शामिल होंगी। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक/राजू-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in