उज्जैन में डॉक्टर्स धड़ल्ले से करवा रहे सीटी स्कैन
उज्जैन में डॉक्टर्स धड़ल्ले से करवा रहे सीटी स्कैन

उज्जैन में डॉक्टर्स धड़ल्ले से करवा रहे सीटी स्कैन

उज्जैन, 30 अक्टूबर (हि.स.)। शहर में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर्स द्वारा सर्दी, जुकाम, बुखार आने पर या श्वास लेने में तकलीफ आने पर मरीज को सीटी स्कैन करवाने का कहा जा रहा है, जबकि ऐसे लक्षणों वाले मरीजों को कोविड जांच के लिए शा.माधवनगर भेजा जाना चाहिए। इधर डायग्नोस्टिक सेंटर्स संचालकों द्वारा एक-एक जांच के 5 से साढ़े 5 हजार रू. लिए जा रहे हैं, जबकि इंदौर में कलेक्टर ने प्रति जांच मात्र 3 हजार रू. की राशि तय कर रखी है, जिसे सेंटर के बाहर डिस्प्ले बोर्ड पर लिखा जाना अनिवार्य है। उज्जैन में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। शहर में सीटी स्कैन एक फैशन जैसा होता जा रहा है। हालात यह है कि गरीब आदमी जब सर्दी-जुकाम-खांसी या श्वास लेने में तकलीफ की शिकायत के साथ प्रायवेट डॉक्टर्स के पास जा रहे हैं तो आम तौर पर ऐसे मामलों में एक्स-रे करवाने वाले डॉक्टर्स सीटी स्कैन करवाने का कह रहे हैं। इसके चलते लोगों की जेब जमकर ढिली हो रही है। वहीं डायग्नोस्टिक सेंटर्स के संचालक जमकर चांदी काट रहे हैं। इस समय सिटी स्केन के मरीजों से 5 से साढ़े 5 हजार रू. वसूले जा रहे हैं। डॉक्टर्स सामान्यतया दो प्रकार के सीटी स्कैन करवा रहे हैं। मरीजों का कहना है कि जांच में कुछ नहीं निकल रहा है, लेकिन डॉक्टर्स इसके बगैर उपचार नहीं कर रहे हैं। कुछ मरीजो के तो आरोप है कि डायग्नोस्टिक सेंटर्स द्वारा डॉक्टर्स को जांच के लिए मरीज भेजने के बदलो कमिशन दिया जाता है। इसीलिए कतिपय डॉक्टर्स तो डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम का पर्चा लिखकर कह रहे हैं कि वहीं जाना, जांच अच्छी होती है। दूसरी जगह चले जाओ तो कह देते हैं कि जांच रिपोर्ट ठीक नहीं आई। इस संबंध में चर्चा करने पर कोरेाना वायरस उपचार के लिए जिले के नोडल अधिकारी डॉ.एच पी सोनानिया ने कहाकि शहर के कतिपय डॉक्टर्स ने इस समय हद कर दी है। उन्हे इसप्रकार के लक्षण दिखने पर मरीज को कोविड की जांच के लिए शा.माधवनगर भेजना चाहिए। बजाय इसके धड़ल्ले से सिटी स्केन करवाए जा रहे हैं। वास्तव में सीटी स्कैन तब करवाया जाता है, जब मरीज की स्थिति अत्यधिक गंभीर हो। हिन्दुस्थान समाचार/ललित/राजू-hindusthansamachar.in

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