इस वर्ष कोरोना काल का अंतिम विवाह मुहुर्त 11 दिसम्बर को
इस वर्ष कोरोना काल का अंतिम विवाह मुहुर्त 11 दिसम्बर को

इस वर्ष कोरोना काल का अंतिम विवाह मुहुर्त 11 दिसम्बर को

ग्वालियर, 08 दिसम्बर (हि.स.)। वर्ष 2020 देश-दुनिया के लिए ज्यादा अच्छे फल देने वाला नहीं रहा है। वर्ष 2020 के कोरोना संक्रमण ने सभी को हिला कर रख दिया है। अब 2020 समाप्ति की तरफ आ गया है। इस वर्ष के जाने से सभी में खुशी है। ज्योतिषाचार्य पंडित गौरव उपाध्याय के अनुसार कोरोना संक्रमण काल के इस वर्ष का अंतिम विवाह महूर्त 11 दिसंबर को हैं। इसके बाद सूर्य देव गुरु बृहस्पति की धनु राशि में 15 दिसम्बर को प्रवेश करेंगे तथा धनु राशि में 14 जनवरी तक रहेंगे। यह समय धनु संक्रांति कहलाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 17 जनवरी 2021 को गुरु का तारा पश्चिम दिशा में अस्त होकर 13 फरवरी को पूर्व दिशा में उदय होगा। कन्या के विवाह के लिए गुरु का उदित होना जरूरी है अत: इस समय भी विवाह वर्जित रहेंगे। शुक्र का तारा 14 फरवरी को अस्त होकर 18 अप्रैल को उदित होगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सूर्य देव मीन राशि में 14 मार्च को प्रवेश करेंगे तथा 13 अप्रैल तक सूर्य देव गुरु की मीन राशि में रहेंगे जिसे मीन संक्रांति कहते हैं। सूर्य के मीन राशि में रहने पर शादी विवाह नहीं किए जाते हैं। इस कारण संवत 2078 का अगला मुहूर्त 25 अप्रैल 2021 से प्रारंभ होगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अप्रैल, मई, जून और जुलाई में विवाहों के कई संयोग हैं। खरमास में सूर्य रथ के घोड़े करेंगे विश्राम, 15 दिसंबर से नहीं होंगे मांगलिक कार्य:- ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि भारतीय ज्योतिष के नव ग्रहों के राजा भुवन भास्कर सूर्य जब-जब देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करते हैं तो उस कालखंड को खरमास की संज्ञा दी जाती है। हिन्दू पंचांग में खरमास 15 दिसंबर से प्रारंभ हो रहा है और इसी दिन सूर्य का धनु राशि में प्रवेश भी होगा। इसके साथ ही विवाह आदि मांगलिक एवं शुभ कार्य बंद हो जाएंगे लेकिन तीर्थ यात्रा, पूजा-पाठ पवित्र नदियों में स्नान करने से जातकों को पापों से मुक्ति मिलेगी। ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि सूर्य के राशि परिवर्तन से कर्क, सिंह, तुला, कुंभ एवं मीन राशि वालों के लिए यह परिवर्तन बेहद शुभ और सकारात्मक परिणाम देने वाला होगा। हिन्दुस्थान समाचार/शरद-hindusthansamachar.in

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