अपडेट.. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप-2023 जारी, नीति आयोग ने की पहल की प्रशंसा
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अपडेट.. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप-2023 जारी, नीति आयोग ने की पहल की प्रशंसा

विकास का नया परिवेश गढ़ेगा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री शिवराज भोपाल, 12 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को राजधानी भोपाल के मिंटो हॉल में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के विकास का रोडमैप-2023 जारी किया। उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर पर कहा कि विकास में जनसहभागिता और मॉनिटरिंग की व्यवस्था का नया ढाँचा खड़ा किया जायेगा। ग्राम, जनपद और जिला स्तर पर दीनदयाल समितियां गठित कर जनसहभागिता और मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जायेगी। आधुनिक टेक्नालॉजी का हर क्षेत्र में व्यापक उपयोग कर विकास कार्यों में पारदर्शिता बढ़ायी जायेगी। खेती में आधुनिक ढंग से उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाकर खेती को लाभ का धंधा बनाया जायेगा। किसानों को पीएम सम्मान निधि और मुख्यमंत्री सम्मान निधि के रूप में हर साल कुल 10 हजार रुपये की सम्मान निधि दी जायेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की रणनीति पर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप जारी करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में अधोसंरचना विकास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थव्यवस्था एवं रोजगार और सुशासन पर स्पष्ट रणनीति तैयार की गई है। इस रोडमैप के आधार पर मंत्री अपने विभागों की योजना तैयार कर क्रियान्वित करेंगे। मंत्री एवं प्रशासन के हर स्तर पर जिम्मेदारी तय की जायेगी और उसकी प्रत्येक स्तर पर सख्त मॉनिटरिंग होगी। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश रोडमैप-2023 के विमोचन अवसर पर विशिष्ट अतिथि सांसद वीडी शर्मा, मिंटो हॉल में एवं भारत सरकार के नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत वीसी के माध्यम से शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने रोडमैप का विमोचन कर उसके क्रियान्वयन के लिये रोडमैप की प्रति मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को सौंपी। इस अवसर पर मंत्री, विधायक, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि कोरोना कॉल में सिर्फ मध्यप्रदेश ने वेबिनार आयोजन की यह महत्वपूर्ण पहल की। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप को लागू कर मध्यप्रदेश देश के अग्रणी प्रांत की पहचान बनाएगा। प्रधानमंत्री मोदी हमारे प्रेरक मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमारे प्रेरक हैं। उनसे सदैव उत्साह और ऊर्जा प्राप्त होती है। उन्होंने कोरोना की चुनौती को अवसर में बदलने का आव्हान कर आत्मनिर्भर भारत के लिए सभी राज्यों से सहयोग की अपील की थी। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश आवश्यक है। इसके लिए किए गए प्रयास आज प्रदेश की जनता के सामने इस रोडमैप के रूप में रखे जा रहे हैं, क्योंकि मध्यप्रदेश की जनता मेरी आराध्य है। मध्यप्रदेश मेरा मंदिर है। यह जनता मेरे लिए भगवान है। इस मंदिर का पुजारी शिवराज सिंह चौहान है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आर्थिक संकट से लोगों को उबारना एक चुनौती थी। हमने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों तक राशि पहुंचाई। इन परिस्थितियों में मध्यप्रदेश का रोडमैप प्रस्तुत करना भी एक विशेष कार्य था, जिसे अपनी चाह से हमने पूरा किया। अब रोडमैप को लागू करने के लिए निरंतर कार्य होगा। धनराशि की व्यवस्था भी की जाएगी। निजी क्षेत्र की सहभागिता की सुनिश्चित की जायेगी। मध्यप्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने इसके लिए आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा देंगे। सडक़ों के निर्माण के साथ ही अधोसंरचना संबंधी सभी कार्य और नर्मदा जल सहित पानी की एक-एक बूंद का उपयोग करते हुए कृषि क्षेत्र को भी लाभकारी व्यवसाय बनाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। थर्मल पावर के साथ ही सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग होगा। ओंकारेश्वर जलाशय में सोलर पेनल बिछाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालयों तक विद्यार्थियों को बसों से लाने की व्यवस्था होगी। पढ़ाई से कोई वंचित नहीं रहेगा। लघु जलसंरचनाओं का जाल बिछाया जाएगा। जहां पूर्व में 7 लाख हेक्टेयर से 31 लाख हेक्टेयर तक सिंचाई क्षेत्र बढ़ाया गया था, उसे 60 लाख तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) एक आंदोलन के रूप में विस्तार प्राप्त करेंगे। संसाधनों के बंटवारे का ध्यान रखते हुए जितनी आबादी उतनी राशि के सिद्धांत पर कार्यों का क्रियान्वयन होगा। वोकल को लोकल बनाने का ध्येय मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में रोजगार के माध्यम से अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना एक प्रमुख कार्य रहेगा। वोकल को लोकल बनाने का ध्येय है। स्थानीय उत्पाद को बिक्री से जोड़ा जाएगा। महिला सशक्तिकरण भी स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री को प्रोत्साहन देते हुए बढ़ेगा। ग्रामीण महिलाओं के कौशल को निखार कर उनके व्यवसाय को लाभकारी बनाया जाएगा। इसी तरह सांस्कृतिक गतिविधियों से रोजगार वृद्धि के प्रयास होंगे। छोटे व्यापारियों को तकलीफ न हो, बड़े व्यापारी यदि बेईमानी करते हों, वे सावधान हो जाएं क्योंकि आम लोगों को परेशानी में डालने वाले छोड़े नहीं जाएंगे। अपराधी तत्व कुचल दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग प्राप्त किया जाएगा। सहभागिता और सकारात्मक सोच आवश्यक मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश गढऩे में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि विकास में प्रत्येक नागरिक की सहभागिता आवश्यक है। इसके साथ ही सकारात्मक सोच का भी महत्व है। हम सभी सकारात्मक होकर प्रदेश के विकास में भागीदारी करें। एक जिद, जूनून और जज़्बे के साथ सभी प्रदेश की प्रगति के लिए कार्य करें। हमारा मध्यप्रदेश गान भी इसी भाव का परिचायक है। नीति आयोग ने प्रदेश के रोडमेप के निर्माण में सहयोग किया है। लोक सेवा प्रबंधन विभाग रोडमैप क्रियान्वयन में समवन्य करेगा। अन्य सभी विभाग सक्रिय भागीदारी करेंगे। दीनदयाल समितियों के माध्यम से भी समन्वय स्थापित किया जाएगा। कोरोना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अभी यह समस्या पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। मास्क ही वैक्सीन है। दीपावली भी सावधानी से सभी लोग मनाएं। कोरोना पूरी तरह समाप्त होगा। 'ये रैन अंधेरी बीतेगी, पतवार चलाते जाएंगे, मंजिल आएगी, जरूर आएगी'। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द जी के कथन का स्मरण करते हुए कहा कि आज यह जरूरी है कि सभी उठें, जागें और तब-तक कार्य करें, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। मध्यप्रदेश ने कोरोना से निपटते हुए रोडमैप बनाया : अमिताभ कांत नीति आयोग के सीईओ अभिताभ कांत ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विशिष्ट अतिथि के रूप में भागीदारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की रणनीति के अनुरूप मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने विभिन्न विषय-विशेषज्ञों से परामर्श कर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप को प्रदेशवासियों के सामने रखा गया है। जब सभी राज्य सिर्फ कोरोना से ही लड़ रहे थे, तब मध्यप्रदेश ने कोरोना से लोगों के बचाव के लिए अच्छे प्रबंध करते हुए प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए यह रोडमैप तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया जो निश्चित ही प्रशंसनीय है। उल्लेखनीय है कि 7 से 11 अगस्त की अवधि में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप को तैयार करने के लिये मुख्यमंत्री चौहान ने चार मुख्य विषयों भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, स्वास्थ्य एवं शिक्षा और अर्थव्यवस्था एवं रोजगार पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किये। इन वेबिनार्स में नीति आयोग के प्रतिनिधि, सुशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थव्यवस्था से जुड़े विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित कर उनके सुझाव प्राप्त किये गये। वेबिनार्स में प्राप्त सुझाव के आधार पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रशासनिक अधिकारियों ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप की कार्ययोजना तैयार की। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि मध्यप्रदेश के रोडमैप को तैयार करने का श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को है। उनकी उमंग, ऊर्जा और उत्साह के सामने सभी कठिनाइयां बौनी सिद्ध हुईं। जब देश-विदेश में कोविड-19 नियंत्रण से बाहर हो रहा था, तब मध्यप्रदेश में अच्छा प्रबंधन हुआ। प्रशासनिक व्यवस्था में एक आमूल-चूल परिवर्तन यह हुआ की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निर्णय लेने का महत्वपूर्ण कार्य संपन्न हुआ। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मध्यप्रदेश की विकास यात्रा विभिन्न पड़ावों से होकर मंजिल तक पहुंचेगी। निष्ठा, परिश्रम और जिम्मेदारी से इस रोड मैप को सभी अंजाम तक पहुंचाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in

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