अन्न का एक कण भी न हो बर्वाद, तभी सार्थक होगा विश्व खाद्य दिवस: जस्टिस मिश्र
अन्न का एक कण भी न हो बर्वाद, तभी सार्थक होगा विश्व खाद्य दिवस: जस्टिस मिश्र

अन्न का एक कण भी न हो बर्वाद, तभी सार्थक होगा विश्व खाद्य दिवस: जस्टिस मिश्र

गुना, 16 अक्टूबर (हि.स.)। अन्न का एक भी कण बर्वाद न हो, सभी अपनी आवश्यकतानुसार खाद्य संसाधनों का उपयोग करें। हर भूखे व जरूरतमंद तक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके तभी सच्चे अर्थ में विश्व खाद्य दिवस का आयोजन सार्थक सिद्ध होगा। यह विचार शुक्रवार को विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में अपर जिला जज एके मिश्र द्वारा व्यक्त किए गए। जस्टिस मिश्र द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुना द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत भोजन का अधिकार व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिये एक मौलिक अधिकार है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए अपर जिला न्यायाधीश हर्षसिंह बहरावत द्वारा विश्व खाद्य दिवस का महत्व तथा प्रत्येक व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा एवं पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने की आवश्यकता के संबंध में अपने विचार रखे। कार्यक्रम में जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक शर्मा द्वारा बताया गया कि विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2030 तक संपूर्ण विश्व को भूख से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यक्रम का ऑनलाईन संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुना के पैरालीगल वॉलेंटियर राजवीर यादव द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम का आयोजन कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये किया गया। इस अवसर पर ग्राम गोपालपुर टकटैया के ग्रामवासी वर्चुअली उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

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