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कोरोना से मुक्ति में योग, प्राणायाम, ध्यान एवं आयुष चिकित्सा पद्धयतियां सहायक सिद्ध हुईं - प्रो. नगेंद

अनूपपुर, 15 जून (हि.स.)। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में योग संकाय एवं योग विभाग द्वारा आयोजित रोल ऑफ योगा एण्ड ट्रेड्रीशनल थेरापीज टू कमबैट कोविड -19 विषयक पर 15 से 30 जून तक चलने वाले योग पखवाड़ा का मंगलवार को शुभारंभ किया गया। इसमें 16 से 30 जून तक प्रतिदिन प्रात: 7 से 8.30 बजे तक देश के ख्यातिप्राप्त योगाचार्यों द्वारा आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के योग प्रोटोकॉल के अनुसार योगासनों का अभ्यास कराया जाएगा। साथ ही प्रतिदिन 3 से 5 बजे तक विशेषज्ञ वक्ताओं के व्याख्यान होंगे। समापन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को होगा 22 से 30 जून तक योगासनों, षट्कर्मों एवं योग ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। योग पखवाड़ा का समापन सत्र 30 जून को होगा। 7वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मंगलवार से योग पखवाड़ा एवं राष्ट्रीय कार्यशाला के शुभारभ्भ में प्रधानमंत्री के योग गुरु पदमश्री प्रो. एचआर नगेंद्र, कुलाधिपति, स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान केंद्र बेंगलुरु ने कहा कि कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने में योग, प्राणायाम, ध्यान एवं आयुष चिकित्सा पद्धयतियां सहायक सिद्ध हुई हैं। भारत सरकार के शिक्षा एवं आयुष मंत्रालय ने बी विथ योगा, बी एट होम का नारा दिया है। कोरोना काल के पूर्व वर्तमान एवं भविष्य में भी योग उपयोगी था, है और रहेगा। योग यात्रा श्रीमदभागवत गीता से लेकर योग दर्शन एवं अनेक योगिक ग्रंथो में योग को बहुत ही सरल शब्दों में बताया। विशिष्ट अतिथि वरिष्ट पुलिस अधिकारी एवं मध्य प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसियेसन के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा ने कोरोना में योग एवं पारंपरिक चिकित्सा पद्यतियों के महत्व पर कहा कि नियमित रूप से योगासन एवं योगिक क्रियाओं का अभ्यास करने वाले लोग या तो संक्रमित नहीं हुये या हुये भी तो शीघ्र ही स्वास्थ्य हुए। अध्यक्षता करते हुये इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी ने कहा कि प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा के योगांग पूरी दुनिया के लिए वरदान सिद्ध हुई है। दुनिया योग को अपना कर अपना समग्र विकास किया है। कोरोना ने इस भारतीय विद्या एवं हमारे ऋषि मुनियों के ज्ञान को एक बार पुन: लोकोपयोगी सिद्ध किया है। योग ने कोरोना काल मे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक रूप से लोगो को मजबूत किया है। एवं भरोसा पैदा किया है। आहार चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद चिकित्सा कारगर साबित हुई हैं। कार्यक्रम के आयोजन वेबेक्स के ऑनलाइन यूट्यूब पर लाइव हुआ पूरे देश से करीब 1766 लोग भाग ले रहे हैं। प्रारंभ में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अर्चक डॉ. श्रीकांत मिश्र के मंगलाचरण से हुआ, योग संकाय के संकायाध्यक्ष एवं आयोजन समिति के निदेशक प्रो. आलोक श्रोत्रिय, आयोजक सचिव डॉ हरेराम पाण्डेय, प्रो. जितेंद्र शर्मा,डॉ प्रवीण कुमार गुप्ता, डॉ श्याम सुंदर पाल, डॉ संदीप ठाकरे, डॉ नीलम श्रीवास्तव, अरविंद गौतम, गुरुनाथ करनाल एवं विवेक नेगी शामिल रहें। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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