workers-returning-to-their-homes-from-other-states-due-to-lack-of-work-in-corona
workers-returning-to-their-homes-from-other-states-due-to-lack-of-work-in-corona

कोरोना में काम नहीं मिलने से दूसरे राज्यों से अपने घर वापस लौट रहे है मजदूर

गुना, 12 अप्रैल (हि.स.) । कोरोना वायरस संक्रमण ने एक बार फिर साल भर पहले वाली स्थितियां निर्मित करना शुरु कर दी हैं। काम नहीं मिलने से दूसरे राज्यों में काम की तलाश में निकले मजदूर इसके चलते अपने घर लौटने मजबूर होने लगे है। पूछने पर कहते है कि न तो वहां काम है और न रोटी की व्यवस्था, रहकर भी क्या करते? इसलिए वापस घर लौट रहे है। हालात सुधरने पर देंखेंगे, क्या करना है? तालाबंदी की आशंका और संक्रमण का डर भी इनमें समाया हुआ है। पुरानी जज्जी, आरोन बस स्टैण्ड सहित शहर के चौराहों एवं सार्वजनिक स्थानों पर घर लौटेते यह मजदूर देखे जा सकते है। हालांकि फिलहाल यह घर वापसी काफी कम है, किन्तु हालात नहीं सुधरे तो स्थिति गंभीर हो सकती है। सिर पर गठरी, गोद में बच्चे शहर के मुख्य मार्ग पर सडक़ किनारे चलते हुए मजदूर देखे जा सकते है। इनमें पुरुषों के सिर पर गठरी है और हाथ में वह सामान थामे रहते है तो महिलाओं की गोद में छोटे बच्चे रहते है। दो-तीन दिन से यह दृश्य आम है। सोमवार को भी कुछ मजदूर कतारबद्ध होते इसी तरह चले जा रहे थे। पूछने पर बताया कि महाराष्ट्र से आ रहे है। इन लोगों का कहना है कि वहां स्थिति काफी खराब है। कोरोना का संक्रमण तो पहले से ज्यादा फैल ही रहा है। काम-धंधे भी ठप पड़ गए है। यह मजदूर राजस्थान के सीकर, छबड़ा आदि के थे। इनका कहना है कि पिछली तालाबंदी में भी वह घर लौट आए थे। हालात सुधरने पर फिर चले गए थे। अब आशंका लग रही है कि फिर तालाबंदी हो सकती है। काम कुछ मिल नहीं रहा था, इसलिए वापस लौट रहे है। फसल काटने गए मजदूर भी लौटे आरोन क्षेत्र के बंजारा और पटेल समाज के करीब एक दर्जन मजदूर भी राजस्थान से वापस लौट रहे है। हर साल की तरह इस साल भी यह फसल कटाई के लिए राजस्थान गए थे, वहां संक्रमण काफी फैल रहा है। इसके साथ ही तालाबंदी की चर्चाएं चल रहीं थीं। तालाबंदी में कहीं फंस न जाए, इसलिए वापस लौट आए है।उन्होने बताया कि वह अपने घर की महिलाओं और बच्चों के साथ दूसरे राज्यों में फसल कटाई के लिए जाते रहते है। देवीलाल, इमरती बाई, कमर सिंह, भगवान सिंह, नाथ, सुनीता बाई आदि के मुताबिक पिछले साल तालाबंदी में करीब एक माह तक वह फंसे रहे थे। बड़ी मुश्किल से बीच तालाबंदी में एक ट्रक में बैठकर गुना तक आ पाए थे। यहां से किसी तरह अपने गांव पहुंचे थे। देना पड़ रहा दोगुना किराया दूसरे राज्यों से संक्रमण के भय और रोजी-रोटी की व्यवस्था न होने से वापस लौट रहे लोगों को कई तरह की परेशानियों से जूंझना पड़ रहा है। मसलन ट्रक, बस, ऑटो आदि जिन वाहनों से यह लोग आ रहे है, उनमें इनसे दोगुना किराया तक वसूला जा रहा है। इसके साथ ही लंबी दूरी तय करके आने से इनके पास खाने-पीने के सामान की कमी भी देखी जा सकती है। फिलहाल यह सभी लोग किसी भी तरह अपने घर पहुँचना चाहते है। उनका कहना है कि उनके घर पहुँचने से पहले तालाबंदी नहीं हो, ईश्वर से यहीं प्रार्थना है। लोगों के मुताबिक अगर तालाबंदी में फंस गए तो बुरी दुर्गत होती है। न जांच हो रही और न की जा रही स्क्रीनिंग दूसरे राज्यों से आ रहे मजदूरों को लेकर प्रशासन फिलहाल सक्रिय नहीं है। जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा पैदा हो गया है। राजस्थान, महाराष्ट्र आदि राज्यों से यह मजदूर लौट रहे है। जहां संक्रमण काफी फैला हुआ है। साथ ही यह मजदूर न सामाजिक दूरी का पालन कर रहे है और न मास्क पहन रहे है, वहीं बस स्टैण्ड़, रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद न तो इनकी जांच हो रही है और न स्क्रीनिंग। शहर में भी इनका टेस्ट नहीं हो रहा है, जबकि इसके साफ तौर पर निर्देश है। अगर इन लोगों में से एक भी व्यक्ति संक्रमित होता है तो वह अन्यों को भी संक्रमित कर सकता है। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in