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कौशल विकास से संबंधित विभिन्न विषयों को प्रारंभ करने की दिशा में कार्य किया जा रहा - कुलपति

हिन्दी माध्यम में पीएचडी, स्नातकोत्तर तक पठन-पाठन की प्रक्रिया प्रारंभ इंगांराजवि के तृतीय दीक्षांत समारोह में 3580 विद्यार्थियों को डिग्री और 209 स्वर्ण पदक मिलेंगा अनूपपुर, 21 फरवरी (हि.स.)। विश्वविद्यालय में अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान का कार्य प्रमुख रूप से होता है। यह विश्वविद्यालय देश का प्रथम विश्वविद्यालय है जिसमें कोरोना काल में भी समय पर परीक्षा, मूल्यांकन और परिणाम घोषित हुए। विश्वविद्यालय अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान के माध्यम से समस्त अंचल के विद्यार्थियों एवं निवासियों के संर्वागीण विकास और उन्नति के लिए प्रतिबद्ध है। उक्त आशय के विचार रविवार को इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के तृतीय दीक्षांत समारोह के एक दिन पूर्व कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहीं। कुलपति ने बताया कि तृतीय दीक्षांत समारोह में 22 फरवरी को वर्ष 2017, 2018, 2019 और 2020 के स्नातक, स्नात्कोत्तर और पीएच.डी. उत्तीर्ण विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक डिग्री दी जाएगी। जिसमें 3580 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की जाएगी और 209 स्वर्ण पदक स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर दिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि जनजातीय विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं (पीएससी, आरआरबी, सिविल सर्विस) की तैयारी हेतु नि:शुल्क कक्षाओं का संचालन विश्वविद्यालय के दक्ष शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है जिससे यहाँ के विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं और भविष्य में भी होते रहेंगे। इंटरमीडिएट में पढ़ रहे अंचल के विद्यार्थियों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं हेतु निरन्तर परामर्श एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है जिससे विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अंचल का नाम रोशन करें। ट्राइबल कनेक्ट कार्यक्रम को प्रारंभ किया जा रहा है जिसके अंतर्गत जनजातीय क्षेत्र के लोगों से विभिन्न जनजातीय विरासत, कला व संस्कृति पर चर्चा/परिचर्चा कर उसे स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाएगा। कुलपति ने कहा स्थानीय उपज एवं उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रचारित एवं प्रसारित करने की दिशा मे निरंतर कार्य किया जा रहा है। विश्वविद्यालय अमरकंटक शहद एवं कोदो की ब्रांडिग करता है। एलबीआई इकाई द्वारा स्थानीय लोगों को विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों से जोडक़र उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे वे आत्मनिर्भर एवं स्वाबलंवी बन अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सके। नई शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य पर उन्होंने कहा अनुरूप विभिन्न विभागों में पाठ्यक्रमों की संरचना में परिवर्तन एवं इंडस्ट्री और समय की मांग के अनुरूप कौशल विकास से संबंधित विभिन्न विषयों को प्रारंभ करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। हिन्दी माध्यम में पीएचडी, स्नातकोत्तर एवं स्नातक में पठन-पाठन की प्रक्रिया प्रारंभ की है जिससे कई विद्यार्थी लाभन्वित हुए और अंग्रेजी माध्यम की अनिवार्यता से जो विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित को लाभ हुआ हैं। विश्वविद्यालय ने कोविड-19 के कठिन दौर में स्थानीय निवासियों हेतु जागरूकता अभियान चलाये। उन्हें सेनेटइजर, मास्क एवं दैनिक उपभोग की वस्तुएं वितरित की। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा निरंतर स्थानीय किसानों को कृषि विषयक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने सिकल सेल एनीमिया बीमारी की जांच के लिए किट बनाई है। इस दौरान मीडिया समिति के अध्यक्ष प्रो. अजय वाघ, उपाध्यक्ष एवं जनसंपर्क अधिकारी (प्र.) डॉ. मनीषा शर्मा, अकादमिक अधिष्ठाता प्रो. आलोक श्रोत्रिय, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. खेमसिंह डहेरिया, परीक्षा नियंत्रक प्रो. एच. एन. मूर्ति, कुलसचिव पी. सिलुवैनाथन, वित्त अधिकारी ए. जेना, कुलानुशासक प्रो.टी. सिंह, मुख्य छात्रावास अधीक्षक प्रो. एपी सिंह, अध्यक्ष, प्रवेश परीक्षा नामांकन समिति प्रो. एके शुक्ला, प्रो. राकेश सिंह, प्रो. भूमिनाथ त्रिपाठी, मीडिया समिति के सदस्य सचिव डॉ. प्रवीण कुमार और अन्य सदस्य उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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