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प्रतिबंध के बाद धुलाई सेंटरों पर रोकी वाहनों की धुलाई, नलकूप भी नहीं खुदेंगे

गुना, 16 मार्च (हि.स.)। पानी का दुरुपयोग रोकने धुलाई सेंटरों पर लगाए गए प्रतिबंध के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के आदेश का मंगलवार से ही सख्ती से पालन शुरु हो गया है। मंगलवार को आदेश का पालन कराने हेतु नगर पालिका की टीम मैदान में उतरी। इस दौरान शहर में संचालित हो रहे विभिन्न धुलाई सेंटरों पर छापामार कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के दौरान धुलाई सेंटरों पर वाहनों की धुलाई रोकी गई। साथ ही संचालकों को आगाह किया गया कि अब अगर वाहनों की धुलाई की गई तो सामग्री को जब्त करने के साथ ही चालान काटा जाएगी, वहीं निजी नलकूप खनन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। बिना अनुमति निजी नलकूपों का खनन नहीं किया जा सकेगा। कई धुलाई सेंटरों पर पहुंची टीम कलेक्टर के आदेश के तहत मंगलवार को नगर पालिका की टीम शहर में संचालित कई धुलाई सेंटरों पर पहुँची। इस दौरान कॉपरेटिव बैंक के सामने संचालित सभी धुलाई सेंटर, नानाखेड़ी मंडी तथा गोपालपुरा रोड पर संचालित धुलाई सेंटरों को बंद कराया गया। साथ ही संचालकों को समझाईश देते हुए जल का अपव्यय रोकने को कहा गया। उन्हे बताया गया कि जिले में जल संकट गहरा रहा है। इसलिए जल का अपव्यय रोकना जरुरी है। हो रहा है विरोध धुलाई सेंटर बंद किए जाने का संचालक विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस प्रतिबंध से उनकी रोजी -रोटी ही छिन जाएगी। वाहनों की धुलाई से ही उनका और उनके परिवार का जीवन-यापन होता है। पानी बचाने के लिए साल भर प्रयास होने चाहिए और वर्तमान में भी कई स्थानों पर पानी की काफी बर्बादी होती है। उसे रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्णय लेने से पहले उनके बारे में भी सोचना था। अभी से यह हाल तो गर्मी में क्या होगी स्थिति? जल संकट को लेकर स्थिति गंभीर होती जा रही है। शहर की प्यास बुझाने वाली सिंध नदी बीते फरवरी माह मे ही साथ छोड़ चुकी है। तब से शहर में पानी आर्पूति पूरी तरह नलकूपों पर निर्भर हो गई है। यह नलकूप भी धीरे-धीरे साथ छोड़ते जा रहे है। करीब 25से 30 नलकूप जलस्तर गिरने से बंद हो चुके है और जो चल रहे है उनकी धार भी कमजोर पड़ रही है। जब मार्च माह में ही यह स्थिति है तो आने वाले दिनों में हालात कितने भयावह होंगे? समझा जा सकता है। कारण तब भीषण गर्मी पडऩे से पानी की खपत और बढ़ेगी। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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