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विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर हुए विभिन्न आयोजन

बड़वानी, 12 जून (हि.स.)। शनिवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जिले में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया । इसके तहत जहां गरीब बस्तियों में जाकर जनजागृति का कार्य किया गया, वही लोगों को बालश्रम उन्मूलन में सहयोग करने की शपथ भी दिलवाई गई। इस दौरान जिला श्रम पदाधिकारी केएस मुजाल्दा ने बताया कि दुनियाभर में आज ऐसे लाखों बच्चे हैं, जो मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं। वे अपने नाजुक कंधों से बोझा ढोकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। बाल श्रम की सबसे बड़ी वजह गरीबी है, ,जिससे मजबूर होकर बच्चों को मजदूरी करना पड़ती है । अपने देश में दशकों से बालश्रम एक गंभीर समस्या बनी हुई है। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि ऐसे बच्चों की पहचान कर, उनकी मदद के लिए सामूहिक प्रयास किये जाये। उन्होंने बताया कि बाल एवं किशोर श्रमिक सुरक्षा सप्ताह के माध्यम से श्रम विभाग, एनसीएलपी, चाईल्ड लाईन एवं एनजीओ द्वारा बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 संशोधित अधिनियम 2017 के प्रावधानों से जन सामान्य को जागरूक किया जायेगा। इस दौरान पदाधिकारी जहां आमजनों को 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम न कराकर उन्हें शिक्षा दिलाने के लिए जागरूक करेंगे, वहीं पोस्टर एवं पेंपलेट के माध्यम से भी ईंट भट्ठों एवं विभिन्न संस्थानों पर जाकर बाल श्रम के संबंध में नियोजको को जानकारी देकर बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के प्रावधानों को बताएंगे। इस दौरान जिला श्रम पदाधिकारी केएस मुझाल्दा, श्रम निरीक्षक निलेश परमार एवं अंकित किराड़, राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के प्रबंधक नंदकुमार सेन, चाइल्ड लाइन की जिला समन्वयक ललिता गुर्जर एवं चाइल्डलाइन सदस्य उपस्थित थे। उमरिया में बाल श्रम निषेध दिवस पर दुकानों एवं निर्माण कार्य संस्थानों का निरीक्षण इधर, बाल श्रम निषेध दिवस से एक सप्ताह तक बाल श्रम निषेध अभियान अंतर्गत श्रम विभाग के सहायक श्रम पदाधिकारी आरके गुप्ता द्वारा जिले उमरिया शहर की दुकानों और निर्माण कार्य संसथानों का भ्रमण कर निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को समझाइश दी गई। इस दौरान बाल श्रम निषेध सप्ताह की शुरुआत हुई। सहायक श्रम पदाधिकारी ने बताया कि सप्ताह के दौरान तैयार की पांच लधु फिल्मों का प्रसारण किया जाएगा। हरदा में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जरूरतमन्द बच्चों का किया गया सर्वे विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जिले के खिरकिया विकासखंड में ग्राम पीपलपानी में सेक्टर पर्यवेक्षक कविता चौधरी के मार्गदर्शन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मीरा द्वारा जरूरतमन्द बच्चों का सर्वे किया गया। सर्वे के दौरान खेत पर कार्य करने वाले माता-पिता को एवं भिक्षा-वृत्ति करने वाले माता-पिता को बच्चों से बालश्रम नहीं करवाने और भिक्षा-वृत्ति नहीं करने की समझाइश दी गई और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की समझाइश दी गई । इस दौरान 02 जरूरतमन्द बच्चों को बाल सरंक्षण सेवाओं के तहत बाल प्रयोजन (स्पांशरशिप) का लाभ दिलाने की कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। इन बच्चों को दो हजार रुपये प्रति माह स्पांसरशिप योजना के माध्यम से प्राप्त होंगे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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