Training to make reusable cloth napkins at Anganwadi centers
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आंगनवाडी केन्द्रों पर होगा रियूसेबल कपड़े के नेपकिन बनाने का प्रशिक्षण

भोपाल, 29 दिसम्बर (हि.स.)। कोविड-19 के दौरान किए गए अध्ययन के अनुसार लॉकडाउन में सैनेटरी नेपकिन की अनुपलब्धता होने से महिलाओं को असुविधा का सामना करना पड़ा। शहरों में सैनेटरी नेपकिन का प्रयोग ज्यादा होता है। ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में सैनेटरी नेपकिन के उपयोग का प्रतिशत आर्थिक समस्या और जानकारी के अभाव में काफी कम आंका गया है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए महिलाओं और किशोरियों को स्थानीय स्तर पर रियूसेबल कपड़े के नैपकिन बनाने का प्रशिक्षण दिए जाने का निर्णय लिया है। संचालक महिला बाल विकास स्वाति मीणा नायक ने मंगलवार को जानकारी दी कि 30 दिसंबर से 15 जनवरी 2021 तक प्रदेश के सभी 52 जिलों में कुल 17005 आंगनवाडी केन्द्रों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कपड़े के सुविधाजनक रियूसेबल सैनेटरी नैपकिन बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा। यह प्रशिक्षण वॉटर-एड संस्था के तकनीकी सहयोग से ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में स्व-सहायता समूह की महिलाएँ, किशोरी बालिकाएं, आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं शामिल होंगी। नायक ने बताया कि प्रशिक्षण में बनाए गए सेनेटरी नैपकिन्स को महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को उपयोग के लिए दिया जायेगा एवं उनसे फीड बैक लिया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं व महिलाओं को माहवारी स्वच्छता पर भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार / उमेद-hindusthansamachar.in

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