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किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने के लिए कृषि को विज्ञान से जोड़ना आवश्यकः केन्द्रीय मंत्री कुलस्ते

मण्डला, 13 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने शनिवार को मंडला में राष्ट्रीय आलू मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिये कृषि को विज्ञान से जोड़ना आवश्यक है। नवीन तकनीकि के माध्यम से कृषि को लाभ का धंधा बनाया जा सकता है। कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके एवं सुमेर सिंह सोलंकी, विधायक नारायण सिंह पट्टा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेष मिश्रा, कलेक्टर हर्षिका सिंह, पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय के कुलपति प्रदीप सिंह बिसेन सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये कृषि वैज्ञानिक तथा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण भी किया गया। केन्द्रीय मंत्री कुलस्ते ने कहा कि किसानों को कृषि के साथ मछली पालन, पशु पालन एवं उद्यानिकी जैसी अन्य कृषि आधारित गतिविधियों से जुडते हुये विकास की मुख्य धारा में सम्मिलित होना चाहिये। उन्होंने किसानों का आव्हान किया कि इस प्रशिक्षण में बताई गई तकनीकि का कृषि कार्य में उपयोग कर उत्पादन बढायें। सरकार द्वारा कृषि के संबंध में चलाई जाने वाली योजनाओं में जिले को प्राथमिकता से शामिल किया जाता है, किसानों का आगे आकर योजनाओं का लाभ उठाना चाहिये। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके ने कहा कि जिले में कृषि की असीम संभावनाऐं हैं, आवश्यकता है जमीन की गुणवत्ता के आधार पर क्षेत्रवार योजना तैयार कर संचालित करने की। उन्होंने किसानों का आव्हान किया कि वे उन्नत तकनीकि को अपनाकर बहुफसल कृषि की ओर अग्रसर हों। राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों के हित के लिये संकल्पित है। विधायक बिछिया नारायण सिंह पट्टा ने कहा कि किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिये सम्मिलित प्रयास करना होगा। उन्होंने जिले के अन्य क्षेत्रों में स्रोत केन्द्र स्थापित करने की बात कही। जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेष मिश्रा ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में लगातार काम किया जा रहा है जिसके बेहतर परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं। उपज रखने के लिये अब गोदाम छोटी पड़ने लगी है। उन्होंने कहा कि कठिन वक्त में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि किसानों के लिये मददगार साबित होती है। इस अवसर पर कुलपति प्रदीप सिंह बिसेन ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हुये क्रांतिकारी कार्यों के परिणाम स्वरूप अब देश के उत्पाद विदेशों में भी भेजे जा रहे हैं। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि किसान और विज्ञान की मित्रता आवश्यक है। जय जवान जय किसान के नारे को अब जय विज्ञान अब जय अनुसंधान तक स्वीकार करना जरूरी है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतुल श्रीवास्तव ने रवी फसलों में खरपतवार नियंत्रण, डॉ. गजेन्द्र राणा ने कोदो कुटकी में मूल्य संवर्धन, श्वेता मसराम ने मिट्टी परीक्षण के फायदे, डॉ बी के प्रजापति ने मशरूम उत्पादन के संबंध में किसानों को जानकारी दी। सफल कृषक लक्ष्मी भांवरे ने भी अपने अनुभव साझा किये। कार्यक्रम के प्रारंभ में विशाल मेश्राम द्वारा प्रशिक्षण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर कृषि सहित विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया गया। । कार्यक्रम स्थल पर कृषि उत्पादकों तथा तकनीकि को प्रदर्शित करती प्रदर्शनी लगाई गई थी। धनवाही के कला पथक दल द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुती दी गई। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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