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दुकान बंद होने से मुश्किल हुआ गुजारा, आयोग ने मांगा जवाब

भोपाल, 03 मई (हि.स.)। मानव अधिकार आयोग ने राजधानी भोपाल में दुकान बंद होने के कारण एक बुजुर्ग का गुजारा मुश्किल होने पर संज्ञान लिया है। इस मामले में आयोग ने कलेक्टर भोपाल से 10 मई तक प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने कलेक्टर से यह भी पूछा है कि ऐसे लोगों के लिये शासन की ओर से क्या व्यवस्था की गई है? आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भोपाल शहर के भदभदा में रहने वाले अब्दुल करीम 96 वर्ष के हैं। चलने-फिरने में काफी परेशानी है। लेकिन इस उम्र में भी वे भदभदा से नेहरूनगर जाने वाली रोड पर सायकिल सुधारने की छोटी से दुकान चलाकर परिवार का पेट पाल रहे हैं। वह कहते हैं कि कोरोना ने हालत बहुत खराब कर दी है। कफर्यू के कारण दुकान बंद है और बेटे का काम भी सही से नहीं चल रहा। ऐसे में दो वक्त का गुजारा भी बडी मुश्किल से हो पा रहा है। थोडा बहुत जो पैसा जमा कर रखा था, उसी से ही बमुश्किल गुजारा हो रहा है। कलेक्टर ने करवाया संक्रमितों को कैद प्रदेश के निवाड़ी जिले के कलेक्टर ने कोरोना संक्रमितों के लिये एक तुगलकी आदेश जारी कर दिया। निवाड़ी शहर के चार वार्डों में कोरोना संक्रमितों के बाहर घूमने की शिकायत मिलने पर कलेक्टर आशिष भार्गव ने उनके घरों में ताला लगवा दिया। संक्रमितों को जरूरी सामग्री के लिये बहुत अधिक परेशान होना पड़ा। इस मामले में आयोग ने कलेक्टर निवाडी से 10 मई तक प्रतिवेदन मांगा है। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे

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