जिले में बुलंद है रेत माफियाओं के हौसले, नहीं रुक पा रहा नदियों से अवैध उत्खनन
गुना,06 जनवरी (हि.स.)। जिले में रेत माफियाओं के हौंसले बुलंद बने हुए है। इतने बुलंद की प्रशासन की तमाम कोशिशें भी उनके कारनामों पर लगाम नहीं लगा पा रहीं है। यहीं कारण है कि जिले में अवैध उत्खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सिंध, पार्वती सहित तमाम जीवनदायनी नदियों का सीना छलनी कर उन्हें खोखला किया जा रहा है। जहां दिनदहाड़े अवैध उत्खनन हो रहा है तो परिवहन के लिए भी रात के अंधेरे का सहारा नहीं लिया जा रहा है, बल्कि दिन में ही शहर की सडक़ों पर रेत से भरीं ट्रेक्टर-ट्रॉलियां सहित अन्य वाहन दौड़ते देखे जा सकते है। यह स्थिति लंबे समय से चली आ रही है। हालात तब भी नहीं बदले है, जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रेत माफियाओं पर अंकुश लगाने के निर्देश जारी किए है। ऐसा नहीं है कि इस काले कारोबार की जानकारी जिम्मेदारों को नहीं है, बल्कि सूत्र बताते है कि सारा काम मिलीभगत से चल रहा है, जब कभी दबाव पड़ता है तो छुट-पुट कार्रवाई कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। दिनदहाड़े छलनी किया जा रहा सिंध का सीना शहर के लिए जीवनदायिनी माने जाने वाली सिंध नदी का सीना दिनदहाड़े रेत माफियाओं द्वारा छलनी किया जा रहा है। पगारा के पास एवं आरोन में नदी से रेत निकाली जा रही है। नदी में पनडुब्बी लगाकर रेत निकाली जा रही है। नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर उसे ट्रेक्टर-ट्रॉली में भरकर कैन्ट मार्ग से होते हुए हनुमान चौराहे से निकलकर संजय स्टेडियम एवं नानाखेड़ी के पास से बेचा जाता है। यह सब कुछ दिनदहाड़े होता है। इसके साथ ही कैन्ट रोड से बांसखेड़ी के रास्ते बजरंगगढ़ मार्ग पर पहुंचकर भी ट्रेक्टर-ट्रॉलियां खड़ी हो जातीं हैं। घनी बस्तियों से निकलतीं इन ट्रेक्टर ट्रॉलियों से कई बार हादसे हो चुके है। फिर भी इन पर लगाम नहीं लग पा रही है, वहीं आरोन में भूतंडी, बटावदा, पिपरौदा सहित करीब एक दर्जन गांवों में पनडुब्बी से रेत निकाली जा रही है। यह गांव पूरी तरह से खनन माफियाओं की चपेट में आ चुके है। प्रतिदिन यहां से 50 से 100 ट्रेक्टर-ट्रॉली तक रेत भरकर ले जाई जाती है। गुना-आरोन-सिरोंज मार्ग पर रेत से भरे वाहनों को दिनदहाड़े दौड़ते देखा जा सकता है तो नदी में पनडुब्बी एवं कतार से लगीं ट्रेक्टर-ट्रॉलियां भी देखने मिल जातीं है। कुंभराज, चांचौड़ा, मधुसूदनगढ़ में पार्वती से निकाली जा रही रेत पार्वती नदी के साथ ही जिले की एक और प्रमुख नदी पार्वती से भी रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। रेत माफिया नदी को खोखला करने में लगे हुए है। कुंभराज, चांचौड़ा और मधुसूदनगढ़ में नदी से रेत निकाली जा रही है। चार से पांच पनडुब्बी तक लगाकर रेत निकाली जा रही है। राघौगढ़ और कुंभराज के बीच नदी से जुडऩे वाले छोटे नालों को रास्ते के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पार्वती नदी में कुंभराज, राघौगढ़ और चांचौड़ा तहसीलों के 35 से 40 किमी के दायरे में जगह-जगह रेत निकाली जा रही है। गांव के अदंरूनी रास्तों से निकलकर ट्रैक्टर-ट्रॉली जिला सहित अन्य तहसीलों में पहुँचती हैं। गंभीर बात यह है कि इस दौरान रास्ते में पुलिस थाने के साथ ही कई चौकियां भी पड़ती है। इसके बावजूद रेत से भरी ट्रेक्टर-ट्रॉलियां निकलना बहुत कुछ बता देता है। पार्वती से निकाली गई रेत चांचौड़ा और राघौगढ़ ब्लॉक में पहुंचती है। कुंभराज में भमावद घाट के साथ ही खेजरा रानी, समाकलां आदि इलाकों में रेत का धड़ल्ले से अवैध उत्खनन किया जाता है। रेत के इस काले कारोबार से वह लोग भी परेशान है जिन गांवों से होकर रेत का अवैध परिवहन हो रहा है। गांवों से गुजरने वाले वाहनों से जहां गांव की सडक़े टूट रही है वहीं दुर्घटनाएं भी हो रही है। प्रशासन से ज्यादा मजबूत है माफियाओं का सूचना तंत्र प्रशासन रेत के अवैध खनन को रोकने के लिए कई बार रेत खदानों पर पहुंचा है, किन्तू कार्रवाई के दौरान घाट पर खाली उपकरणों के अलावा कुछ हासिल नहीं हो सका है। जो यह बताया है कि रेत माफियाओं का सूचना तंत्र प्रशासन से ज्यादा मजबूत है, वहीं यह इस बात की ओर भी इशारा करता है कि सारा खेल मिलीभगत से चल रहा है। प्रशासन के पहुंचने से पहले ही माफिया अपने मुख्य उपकरणों को वहां से हटाकर अन्यत्र जगह कर देते है और प्रशासन को कार्रवाई के लिए मिलते हैं छोटे-मोटे उपकरण। जिन्हे नष्ट कर प्रशासन वाही-वाही लूटने की कोशिश करता है। सख्त रवैया अपनाए हुए है मुख्यमंत्री अवैध उत्खनन को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सख्त रवैया अपनाए हुए है। इसको लेकर वह अधिकारियों पर गाज गिराने से भी नहीं चूक रहे है। इसके बाद भी जिले में अवैध उत्खनन जारी रहना गंभीर माना जा रहा है। हालांकि सूत्र बताते है कि मुख्यमंत्री के तेवर देखते हुए अब जिला प्रशासन इसकी रोकथाम को लेकर कड़ाई बरतने जा रहा है। इसके लिए चेक पोस्ट बनाने की तैयारी कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है कि भोपाल की तरह चेकपोस्ट हर जिले में बनने चाहिए। जहां पुलिस के जवान और राजस्व के कर्मचारियों को तैनात किया जाए। जो वाहनों की जांच करेंगे। इसके साथ ही सिर्फ चेक पोस्ट पर ही वाहनों की जांच होगी। रास्ते में रोककर किसी भी विभाग के अधिकारी और खनिज सहित कोई अन्य विभाग या पुलिसभी खनिज से भरे वाहनों की जांच नहीं कर सकेंगे। ऐसी जानकारी सामने आने पर कार्रवाई की बात कही जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in