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कमिश्नर-कलेक्टर ने नवाचार को सराहा, कृष्णा और अमोल के स्टार्ट-अप को मिला आर्डर

भोपाल, 26 फरवरी (हि.स.)। संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत और कलेक्टर अविनाश लवानिया ने शुक्रवार को राजधानी भोपाल के संभागीय आईटीआई गोविंदपुरा के रोजगार उत्सव मेले में पहुंचकर युवाओं से संवाद किया। यहां पर कुछ युवाओं द्वारा स्टाल लगाए गए थे। जिनमें स्टार्ट-अप को प्रदर्शित किया गया था। इस स्टार्ट-अप मेले में कृष्णा पांडे, प्रमोद लोखंडे ने भी अपना स्टॉल लगाया, जिनमें उनके द्वारा सेंसर लगाया हुआ डस्टबिन प्रस्तुत किया गया। इसमें 10 सेकेंड के लिए अपने आप डस्टबिन का ढक्कन खुलता है और बंद हो जाता है। जब भी कोई व्यक्ति कचरा डालने के लिए डस्टबिन के पास हाथ ले जाएगा तो इसमें अपने आप ही इसका ढक्कन खुल जाएगा। कृष्णा और अमोल ने इस संबंध में बताया कि उनको यह विचार इसलिए आया कि दिन में कईं बार कचरा डालने के लिए डस्टबिन खोलना पड़ता था, जिससे उसके बैक्टीरिया या गंदगी हाथ में या जूतों में लगने का डर बना रहता था इन सब को ध्यान में रखकर उन्होंने सोचा कि ऐसा डस्टबिन बनाया जाए जिसमें ऑटोमेटिक ही उसका ढक्कन खुल जाए। आज प्राथमिक स्तर पर बनाए गए इस डस्टबिन को प्रदर्शित किया गया जिसकी कीमत 600 रुपए बताई गई। संभागायुक्त कियावत और कलेक्टर लवानिया के निर्देश पर स्मार्ट सिटी द्वारा दोनों युवाओं को 100 डस्टबिन का ऑर्डर भी दिया गया है। इस ऑर्डर को 15 दिन में पूरा किया जाएगा। संभागायुक्त ने दोनों को बधाई दी और सभी युवाओं से आव्हान किया है कि समाज में ऐसे बहुत से काम हैं जो हमें छोटे जरूर लगते हैं पर वास्तव में छोटे नहीं होते उनकी अहमियत बहुत अधिक होती है। इस स्मार्ट डस्टबिन के उपयोग से हम अपने घरों और दुकानों में कचरा फैलने से रोक सकते हैं। कृष्णा और अमूल ने बताया कि इस प्रकार के डस्टबिन बड़े स्तर पर बनाने के लिए जल्दी ही काम शुरू करेंगे इसके लिए पूंजी की व्यवस्था कर और बेहतर उत्पाद बनाने की कोशिश भी कर रहे हैं। कलेक्टर लवानिया ने कहा कि ऐसे ही अनेक स्टार्ट-अप की आज समाज को जरूरत है, इनसे आप अपनी जिंदगी को और भी बेहतर, सुरक्षित और स्मार्ट बना सकते हैं। सभी युवा इस प्रकार के स्टार्ट अप पर ध्यान दें और प्रयास करें कि अपनी रोजमर्रा की चीजों को हम और किस प्रकार से बेहतरीन और स्मार्ट बना सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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