घटस्थापना के साथ मंगलवार से शुरू होगा चैत्र नवरात्रि महोत्सव
ग्वालियर, 12 अप्रैल (हि.स.)।चैत्र नवरात्रि महोत्सव की शुरुआत मंगलवार, 13 अप्रैल से होने जा रही है, जिसका समापन 21 अप्रैल रामनवमीं के दिन होगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार की नवरात्रि पूरे नौ दिन की होंगी। नव संवत्सर के राजा और मंत्री दोनों मंगल रहेंगे। मंगल के दिन चैत्र नवरात्रि का आरंभ होने से मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर हो रहा है। जबकि माता का प्रस्थान कांधे पर होगा। इस बार की नवरात्रि सर्वसिद्धि एवं अमृत सिद्धि योग में मनेगी। इस नवरात्रि में नौ दिन तक मां दुर्गा धरती पर रहेंगी। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होगी। इसी दिन से कालगणना शुरू हुई थी: ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं अनुसार सृष्टि के आरंभ का समय चैत्र नवरात्र का पहला दिन माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन देवी ने ब्रह्माजी को सृष्टि की रचना करने का कार्यभार सौंपा था। इसी दिन से कालगणना शुरू हुई थी। देवी भागवत पुराण के अनुसार इसी दिन देवी मां ने सभी देवी देवताओं के कार्यों का बंटवारा किया था। इसलिए चैत्र नवरात्र हिन्दू नववर्ष का आरंभ माना जाता है। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य ने बताया कि घट स्थापना का शुभ मुहुर्त 13 अप्रैल मंगलवार को सुबह 05.45 से दोपहर 02.02 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त 11.56 से 12.47 तक श्रेष्ठ समय में है। चौघडिय़ा अनुसार लाभ का मुहूर्त सुबह 10.46 से 12.22 बजे तक है। अमृत मुहूर्त दोपहर 12.22 से 13.58 बजे तक है। इस समय में पूजा तथा कलश स्थापना शुभ व श्रेष्ठ फलदाई होगी। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि महानिशापूजा 19 अप्रैल सोमवार को मनाई जाएगी। महाअष्टमी व्रत 20 अप्रैल मंगलवार को मनाया जाएगा। श्री राम जन्मोत्सव, रामनवमी, नवरात्र हवन 21 अप्रैल बुधवार को मनाया को होगा। घट विसर्जन 22 अप्रैल गुरुवार को किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/शरद