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आगामी 3 वर्षों में प्रदेश में 3 लाख मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य : मंत्री सिलावट

इस वर्ष 15 हजार मछुआ क्रेडिट-कार्ड दिये जायेंगे मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग की 195 करोड़ 62 लाख 37 हजार रुपये की अनुदान माँगे पारित भोपाल, 16 मार्च (हि.स.)। प्रदेश के मछुआ कल्याण, मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि मछुआ कल्याण के लिये प्रदेश सरकार संकल्पित है। मछुआ कल्याण के लिये जीरो प्रतिशत ब्याज पर कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने के लिये योजना बनाई जा रही है। मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग ने वर्ष 2021-22 के लिये कुल 195 करोड़ 62 लाख 37 हजार की राशि का बजट प्रावधान किया था, जिसे मंगलवार को सदन ने पारित किया। यह विगत बजट से 66 करोड़ 98 लाख रुपये अधिक है। इस वर्ष 15 हजार मछुआ क्रेडिट-कार्ड बनाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी प्रदेश में लागू की गई है। इसमें 120 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है। मंत्री सिलावट ने मंगलवार को अपने बयान में बताया कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत आगामी 3 वर्षों में वार्षिक मत्स्य उत्पादन 2 लाख मीट्रिक टन से 3 लाख मीट्रिक टन किये जाने का लक्ष्य है। वर्ष 2020-21 के लिये निर्धारित लक्ष्य 2 लाख 40 हजार मीट्रिक टन के विरुद्ध फरवरी-2021 तक 2 लाख 2 हजार मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन किया जा चुका है। वर्ष 2021-22 में 180 करोड़ स्टेण्डर्ड फ्राई मस्स्य बीज का उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत आगामी 3 वर्षों में वार्षिक मत्स्य बीज उत्पादन को 145 करोड़ स्टेण्डर्ड फ्राई से 200 करोड़ स्टेण्डर्ड फ्राई तक ले जाने का लक्ष्य है। पिछले 5 वर्षों में मत्स्य-पालन में निवेश की तुलना में आगामी 5 वर्षों में 5 गुना से अधिक निवेश किया जाना प्रस्तावित है। राज्य में मत्स्य-पालन विकास के लिये ग्रामीण तालाबों और सिंचाई जलाशयों के कुल उपलब्ध 4 लाख 33 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में से 4 लाख 27 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र (99 प्रतिशत) मत्स्य-पालन के अंतर्गत आता है, जिसमें मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्य-पालन की विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं। वर्ष 2021-22 के लिये 2 लाख 70 हजार मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा मछली-पालन के क्षेत्र में सतत् विकास एवं समुचित प्रबंधन के लिये आत्म-निर्भर भारत अभियान के तहत् 25 मई, 2020 को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना प्रारंभ की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति एवं महिला हितग्राहियों को 60 प्रतिशत एवं सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को 40 प्रतिशत अनुदान सहायता प्रदान किये जाने का लक्ष्य है। वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत 120 करोड़ रुपये स्वीकृत किया जाना प्रावधानित है। मंत्री सिलावट ने बताया कि मछुआ भाइयों के लिये कल्याणकारी कार्यक्रम के तहत् विभाग द्वारा व्यक्तिगत दुर्घटना सहायता प्रदान करने की योजना संचालित है। इस योजना के अंतर्गत मछुआ भाइयों की दुर्घटना में मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में उनके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। वर्ष 2020-21 में प्रदेश के एक लाख 74 हजार 681 मछुआ भाइयों को इस योजना से जोड़ा गया है। प्रदेश के मछुआ भाइयों के कल्याण के लिये मछली-पालन के लिये शून्य (जीरो) प्रतिशत ब्याज दर पर कार्यशील पूँजी उपलब्ध कराये जाने की योजना है। इसके लिये मछुआ क्रेडिट-कार्ड प्रदान किये जा रहे हैं। वर्ष 2019-20 में 5 हजार 647 मछुआ क्रेडिट-कार्ड प्रदान किये गये हैं। अब तक विभाग द्वारा कुल 78,628 मछुआ क्रेडिट-कार्ड प्रदान किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय कृषि विकास योजना संचालित है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2020-21 में 9 करोड़ 36 लाख 50 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। इसके विरुद्ध 6 फरवरी, 2021 तक 6 करोड़ 9 लाख रुपये की राशि विमुक्त की जा चुकी है। वर्ष 2021-22 के लिये भी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 9 करोड़ 36 लाख 50 हजार रुपये की राशि स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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