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राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान की संचालक के तुगलकी फरमान से छात्र परेशान

जबलपुर, 24 जून (हि.स.)। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जबलपुर ने गुरूवार को जारी विज्ञप्ति में बताया कि राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान एस.आई.एस.सी जबलपुर की प्रभारी संचालक कामायनी कश्यप एवं परीक्षा प्रभारी पी.डी.मिश्रा द्वारा तुगलकी आदेश जारी कर संस्थान में अध्ययनरत छात्राध्यापकों को दुविधा में डाल दिया गया है, प्रशिक्षाणर्थी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उन्हें बी.एड की परीक्षा देना है या वॉयबा में सम्मिलित होना है। उल्लेखनीय है कि संस्थान अंतर्गत स्थापित कम्पयूटर लैब विगत दो वर्षों से नहीं खुली है प्रशिक्षाणार्थीयों को कम्प्यूटर के दर्शन तक नहीं कराये गये हैं फिर उन्हें बी.एड सांईंस के नाम पर कम्प्यूटर से संबंधित वॉयबा देने हेतु वाध्य किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय द्वारा बी.एड परीक्षा चतुर्थ सेमेस्टर अंतिम वर्ष की जारी समय सारणी के अनुसार 25 जून 21 से 30 जून 2021 की मध्य ओपन बुक परीक्षायें होनी हैं, जिसके प्रश्न पत्र 25 जून 2021 को ही ऑन लाईन अपलोड कर दिये जावें, जिसे छात्राध्यापकों द्वारा 30 जून 21 से 02 जुलाई 21 के मध्य महाविद्यालय में जमा किया जाना है। संस्थान द्वारा वॉयबा 25 जून के पूर्व भी लिया जा सकता था अथवा परीक्षा उपरांत भी लिया जा सकता है, किन्तु संचालक द्वारा परीक्षा तिथियों के बीच की वॉयबा लिये जाने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है। संचालक के विरोधाभाषी फरमान से छात्राध्यापकों में असमंजश एवं भारी असंतोष व्याप्त है। इस अवसर पर संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेशतिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह आलोक अग्निहोत्र, दुर्गेश पाण्डे, मुन्नालाल पटैल, राजेश चतुर्वेदी, मनोज खन्ना, अजय सिंह ठाकुर, तरूण पंचौली आदि ने माननीय कुलपति महोदय रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर को पत्र प्रेषित कर मांग की है कि राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान जबलपुर की प्रभारी संचालक द्वारा दिये जा रहे अनाप-शनाप आदेशों पर प्रतिबंध लगाया जाये ताकि छात्राध्यापक प्रशिक्षाणीर्थी निर्भिक होकर विश्वविद्यालयीन परीक्षा में शामिल हो सकें। हिन्दुस्थान समाचार/ददन

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