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निर्देश की अनदेखी पर होगी सख्त कार्रवाई, निजी प्रेक्टिशनर्स को एसडीएम ने दी चेतावनी

अनूपपुर, 12 मई (हि.स.)। जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकरण और आम नागरिकों को सामान्य संक्रमणों की आड़ में कोरोना से बचाने की मुहिम में कोतमा एसडीएम ने बुधवार को बिजुरी में चिकित्सीय कार्य से जुड़े निजी प्रैक्टिशनर्स की आपात बैठक बुलाई। जिसमें चिकित्सकों से चर्चा करते हुए वर्तमान कोरोना संक्रमण के खतरे को भी बताया। साथ ही एसडीएम ने निजी प्रैक्टिसनर्स को बताया कि उनके द्वारा किए जा रहे सर्दी-खांसी और बुखार के इलाज में कोरोना संक्रमित मरीज रिकॉर्ड में नहीं आ पा रहे हैं और कोरोना संक्रमण जैसे गम्भीर महामारी के शिकार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कोरोना संक्रमण को देखते हुए ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में सर्दी-खांसी तथा बुखार के संक्रमित मरीजों का इलाज नहीं करें तथा उन्हें सीधे शासकीय चिकित्सालय भेजते हुए कोरोना जांच कराए जाने की सलाह दें। ताकि स्वास्थ्य केन्द्रों पर तत्काल जांच के साथ इलाज सम्भव हो सके। एसडीएम कोतमा ने कहा कि कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को समझते हुए लक्षण पाए जाने वाले मरीजों का इलाज नहीं करें। इसी से कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को रोका जा सकता है। रोजाना इलाज वाले मरीजों की पूरी जानकारी रजिस्टर में दर्ज करें। वहीं एसडीएम ने बैठक के दौरान सख्त लहजे में निजी प्रैक्टिशनर्स को चेतावनी देते हुए कहा की यदि निजी प्रैक्ट्शिनर्स द्वारा कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों का इलाज किए जाने की सूचना मिली, तो ऐसे चिकित्सकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लोगों को करें जागरूक एसडीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है । ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक करते हुए उनके मन में आई हुई भ्रांतियों को दूर करते हुए उन्हें कोरोना टीकाकरण के फायदे बताएं। उन्होंने बताया कि कोतमा में कोरोना संक्रमित मरीजों के अधिक संख्या मिलने के बाद कटकोना और निगवानी में कार्रवाई की गई थी। इस बैठक में डॉ. वीके राय, शुभाशीष सरकार एवं अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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