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अमरकंटक में सहस्त्र चंडी महायज्ञ के साथ पूर्ण हुई नर्मदा पुराण की कथा

गुरुवार को पूर्णाहुति व भण्डार अनूपपुर, 24 फरवरी (हि.स.)। माँ नर्मदा की उद्गम स्थली के पावन तट माई की बगिया रोड़ स्थित श्री श्री 1008 बौराहा बाबा आश्रम में 14 फरवरी से सहस्त्र चंडी महायज्ञ विश्व कल्याणार्थ एवं 18 फरवरी से प्रारंभ नर्मदा पुराण का बुधवार को पूर्ण हुआ। गुरुवार को यज्ञ पूर्णाहुति व विशाल भण्डारे के साथ समापन होगा। प्रतिदिन वाराणसी के यज्ञाचार्य आसुतोष शुक्ला के साथ 11 पुरोहितों द्वारा ब्रम्ह मुहूर्त से संध्या कालीन तक बेद मंत्रोच्चार से विश्व के जन कल्याणार्थ हवन पूजन स्वत: बाबा जी द्वारा कर वातावरण को शुद्ध ,पवित्र बनाया गया। यज्ञ के बीचो बीच माँ नर्मदा पुराण की कथा शास्त्री राम कृष्ण मिश्रा उमरिया वाले लोगो को भाव विभोर कर रहें थे। कथा में शास्त्री जी ने बताया कि अमरकंटक धाम नर्मद में कोई प्राणी एक बार आ जाता है तो उसके कई पीढिय़ों के पाप नष्ट हो जाते है। नदियों में नर्मदा को श्रेस्ठ बताया है जो पाप नाशिनी माँ नर्मदा दर्शन मात्र से बेड़ा पार कर देती है। कथा में तबला वादन अभिषेक त्रिपाठी, ऑर्गन में अनुपम तिवारी, राज मिश्रा भजन में साथ दिया। इस दौरान बलराम साहू, तुलसी नामदेव, मैकल बाई, राजकुमार सिंह, दिलीप,संतोष मिश्रा,हिमाक्षी दीदी, शोभा दीदी सहित अन्य ने सेवाकार्य कर सहयोग दिया। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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