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मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी में हुआ ”भारत की विश्व को देन“ विषय पर सेमिनार

भोपाल, 17 मार्च (हि.स.)। मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी एवं मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में ”भारत की विश्व को देन“ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान विषय विशेषज्ञों ने भारत की देन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आयुष विभाग, भारत सरकार द्वारा गठित सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि योग एवं आयुर्वेद की शिक्षा के द्वारा भारत पुनः विश्वगुरू के पद को प्राप्त करेगा। उन्होंने भारत की स्वर्णिम विरासत पर सारगर्भित उदबोधन दिया। वहीं सेमिनार के प्रमुख वक्ता एवं विशिष्ट अतिथि मेनिट के पूर्व प्राध्यापक डॉ. सदानन्द सप्रे ने विश्व के विभिन्न देशों में भारतीय संस्कृति की समीक्षा की। उन्होंने थाईलैण्ड, इण्डोनेसिया, न्यूजीलैंड, दुबई जैसे देशों में भारतीय संस्कृति के प्रभाव का भी उल्लेख किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर इंजी. गौरव तिवारी ने स्वागत भाषण देते हुए रामायण का प्रसंग बताया एवं विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अघ्यक्ष मानसरोवर ग्लोबल यूनि. के वाईस चांसलर डॉ. अरूण कुमार पाण्डेय ने वृक्षायुर्वेद एवं पर्यावरण के विषय को भारत की संस्कृति से जोड़ते हुए, इसके महत्व को बतलाया। सेमिनार के अंत में मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग सिंह राजपूत ने सभी अतिथियों एवं सहभागियों का आभार व्यक्त किया। सेमिनार में आरोग्य भारती के डॉ. मधुसूदन देशपाण्डे, मिहिर जी, फैकल्टी ऑफ आयुर्वेद के प्राचार्य डॉ. बाबुल ताम्रकार, श्री सांई इसटीट्यूट के प्राचार्य डॉ. भरत चैरागड़े, डेण्टल कॉलेज के डीन डॉ. गुरूदत्त नायक संस्था के विभिन्न संस्थानों के वरिष्ठ शिक्षक चिकित्सक एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे/राजू

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