स्व. जोशी जी पदों पर रहे, लेकिन राज करने की चाहत कभी नहीं रही:  सिंधिया
स्व. जोशी जी पदों पर रहे, लेकिन राज करने की चाहत कभी नहीं रही: सिंधिया

स्व. जोशी जी पदों पर रहे, लेकिन राज करने की चाहत कभी नहीं रही: सिंधिया

भोपाल/देवास, 14 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के जन्म दिवस पर उनके पैतृक ग्राम हाटपिपल्या में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस अवसर पर सांसद सिंधिया ने स्वर्गीय कैलाश जोशी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में स्वर्गीय जोशी जी विभिन्न पदों पर रहे, लेकिन राज करने की चाहत उनके मन में कभी भी नहीं रही। उनकी पृष्ठभूमि जनसेवा की रही और वह हमेशा राजनीति को जनता की सेवा का जरिया मानते थे। आपस की बातचीत में उन्होंने कई बार यह कहा कि हमारे जमाने में राजनीति जन सेवा के लिए होती थी। सिंधिया ने कहा कि स्वर्गीय जोशी जी 1960 में नगर पालिका अध्यक्ष बने और 1962 के बाद लगातार हर चुनाव जीते गए। 1977 में जोशी जी मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री के पद पर रहने के बावजूद उनकी जीवनशैली इतनी सादगी पूर्ण थी कि 1981 तक उनके पास खुद की गाड़ी भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि जोशी जी की यही सादगी उनकी ताकत थी और वह जब भी आवाज देते तो उनकी एक आवाज पर पूरा युवा वर्ग खड़ा हो जाता था। सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की जनता को धोखा दिया। उस सरकार ने ना तो किसानों की कर्ज माफी की ना बेरोजगारों को भत्ता दिया। उस सरकार ने तो फसल बीमा की प्रीमियम भी जमा नहीं की थी, जिसे शिवराज सिंह जी की सरकार ने आने के बाद जमा किया। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि जनसेवक हैं। उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश एक बार फिर विकास के रास्ते पर है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का जो आह्वान किया है उसके लिए जरूरी है कि मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर बने और मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिवराज सिंह चौहान जैसा नेतृत्व होना जरूरी है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर//राजू-hindusthansamachar.in

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