छतरपुर, 04 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी) की केन्द्रीय प्रयोजित स्कीम बड़े और रूपांतरात्मक परिवर्तनों के साथ अनुमोदित की है। इसी स्कीम के संबंध में जानकारी देने के लिए सोमवार को जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकारवार्ता हुआ, जिसमें जानकारी दी गई कि गत वर्ष 1100 करोड़ रुपए अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों की पढ़ाई के लिए सरकार ने अनुदान दिया था। इस वर्ष 5 गुना राशि बढ़ाई गई है। 6 हजार करोड़ हर वर्ष खर्च किए जाएंगे। एससी के वे छात्र जो 10वीं पास करने के बाद आर्थिक परेशानियों की वजह से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते थे उनके लिए यह योजना बेहद कारगर सिद्ध होगी। पत्रकारवार्ता में चंदला विधायक राजेश प्रजापति ने बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 59,048 करोड़ रुपये के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है, जिसमें से केन्द्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये खर्च करेगी और शेष राशि राज्य सरकारों द्वारा खर्च की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह स्कीम मौजूद प्रतिबद्ध देयता प्रणाली को प्रतिस्थापित करेगी और इसमें केंद्र सरकार की भागीदारी अधिक होगी। यह एससी जनसंख्या के शैक्षिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में एससी छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति स्कीम भारत सरकार का सर्वाधिक एकल हस्तक्षेप है। केन्द्र सरकार इन प्रयासों को और अधिक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि 5 वर्ष की अवधि के भीतर जीईआर (उच्चतर शिक्षा) राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सके। इस दौरान भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष नीरज जाटव, मुकेश, काशीराम, बलराम, पार्षद रामकली बरार, विनोद भारती सहित अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/पवन अवस्थी-hindusthansamachar.in