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मां को आंखों के सामने लाठी से पिटते देखा, अब न्याय दिलाने के लिए वर्दी पहनने की तैयारी

गुना, 07 मार्च (हि.स.)। बमोरी के लोढ़ेरा गांव में एक बेटी के सामने उसकी मां से लोगों ने लाठियों से मारपीट की। खून से लथपथ जमीन पर पड़ी मां की सहायता को लेकर कोई आगे नहीं आया। तीन वर्ष से यह परिवार थाने का चक्कर काट रहा है, लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला है। अब बेटी ने ठाना है कि वह खाकी पहनकर अपनी मां को न्याय दिलाएगी। साथ ही मां के साथ मारपीट करने वालों को वह जेल के सीखचों के भीतर भेजेगी। इस बेटी का सपना जिला प्रशासन साकार करने के लिए आगे आया है, जो सहरिया आदिवासी बच्चियों को निशुल्क आवासीय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करा रहा है। लोढ़ेरा गांव की सुनीता आदिवासी के पिता राम सिंह और मां कपूरिया मजदूरी कर भरण पोषण करते हैं। हालात यह हैं कि उसका 15 वर्षीय भाई भी अपने माता-पिता के साथ मजदूरी पर जाता है, लेकिन सुनीता को एक घटना ने इतना झकझोरा कि वह आज खाकी वर्दी पहनकर अपनी मां को न्याय दिलाना चाहती है। वह पुरुष प्रधान देश को यह भी बताना चाहती है कि आज के दौर में गांव की महिला पिछड़ी नहीं है। सुनीता इन दिनों जिला प्रशासन द्वारा शासकीय सेवाओं के लिए निशुल्क प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। उसका कहना है कि कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने अतिपिछड़ी जाति और 31 सहरिया मजदूरों की बेटियों को गुना में आवासीय, भोजन और निशुल्क प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराई है, जिससे सहरिया परिवारों के चेहरे खिल उठे हैं। 28 मजदूरों की बेटी 6 अप्रैल को देंगी परीक्षा आदिम जाति कल्याण विभाग जिला संयोजक आरके जाटव ने बताया कि कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जब आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों का सर्वें कराया, तो इस दौरान 31 मजदूर सहरिया परिवारों के बेटियों ने शासकीय सेवा में जाने के लिए प्रतियोगी परीक्षा की इच्छा जताई। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने इन बेटियों के लिए 21 जनवरी से निशुल्क प्रतियोगी परीक्षा के लिए विशेष कोचिंग शुरू की। साथ ही रहने और खाने की व्यवस्था की। 6 अप्रैल को खाकी वर्दी की चाह में अनुसूईया सहरिया, पूजा सहरिया, सीमा सहरिया, रवीना सहरिया, कृष्णा आदिवासी, पूनम सहरिया, दीप्ती सहरिया, आरती सहरिया, गायत्री सहरिया, रितु सहरिया, प्रेमलता सहरिया, पूजा सहरिया, रानी सहरिया, पूजा सहरिया, सुशीला सहरिया, रशाल सहरिया, कल्लो आदिवासी, रचना सहरिया, रामशिला सहरिया, पूजा सहरिया, घप्पो सहरिया, शबरी सहरिया, तारा और लीला सहरिया परीक्षा देंगी। इसको लेकर जिला प्रशासन हर रोज तैयारी करा रहा है। दिमान का सपना बेटी पूजा गांव में खाकी वर्दी पहनकर आए कुशेपुर गांव के दिमान सहरिया और उनकी पत्नी कल्लोबाई मजदूरी कर घर का चूल्हा जलाते हैं। उनका बेटा लाखन भी पिता के साथ मजदूरी करने के लिए दूसरों के खेतों में जाता है, लेकिन बेटी पूजा सहरिया जिला प्रशासन द्वारा आयोजित उ?ान कार्यक्रम के तहत प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। पिता दिमान का सपना है कि बेटी पुलिस की प्रतियोगी परीक्षा में पास होकर गांव आए। खाकी वर्दी में जब यह मजदूर पिता अपनी आंखों से उसे देखेगा, तो उसका जीवन सफल हो जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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