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राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है संस्कृत

गुना, 20 फरवरी (हि.स.)। जिले के कक्षा 6 से 12 तक संस्कृत भाषा पढ़ाने वाले शिक्षकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण शनिवार को उत्कृष्ट विद्यालय गुना में शिक्षा विभाग तथा संस्कृत भारती मध्य भारत प्रान्त के निर्देशन में आयोजित हुआ। प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि विकास खंड शिक्षा अधिकारी हरि नारायण जाटव ने कहा कि संस्कृत देववाणी, दिव्य वाणी है। यह जनवाणी बने ऐसा प्रयास शिक्षक करें। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए अपने विदेश यात्रा के अनुभव साझा करते हुए कहा कि शिक्षक व बच्चे स्वयं सीखने, प्रयोग करने और सहभागिता करने के अधिकतम अवसर प्रदान करें। द्वितीय सत्र के शुभारंभ में एपीसी आशीष टांटिया ने कहा कि निश्चित रूप से कंप्यूटर के लिए सबसे उपयुक्त भाषा संस्कृत है। वेद वाचस्पति संस्कृत विद्यालय आवन के प्राचार्य पंडित वेणी प्रसाद वशिष्ट ने कहा कि संस्कृत राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है। जिसके संरक्षण का दायित्व शिक्षकों पर अधिक है। हमें अपने दैनिक व्यवहार में हिंदी के संस्कृत निष्ठ शब्दों का अधिकतम प्रयोग करना चाहिए। जिससे हम न केवल संस्कृत बोल सकें अपितु भाषा की मधुरता भी जीवन में आए। उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य आसिफ खान ने कहा कि सभी संस्कृत शिक्षक संस्कृत में बोलने का अभ्यास करें जिससे संस्कृत बोल सकें। जैसे कि मैं अंग्रेजी व्याख्याता हूं और अंग्रेजी बोल सकता हूं। संस्कृत भारती के गुना जनपद संयोजक रमेशचन्द्र शर्मा ने अपने उद्बोधन में संस्कृत की रोचकता को स्पष्ट किया तथा संस्कृतभारती द्वारा किये जा रहे कार्यो के विषय में बताया। शिवपुरी से आए संस्कृत प्रशिक्षक दीपेन्द्र शर्मा ने शिक्षकों से संस्कृत का दीपक हृदय में जलाए रखते हुए विद्यार्थियों तक उसका प्रकाश पहुंचाने को कहा। अंकित शुक्ला ने नई शिक्षा नीति के विषय में उपयोगी जानकारी दी। तुलसी दास दुबे ने संस्कृत संभाषण का महत्व स्पष्ट किया। डीआरजी मजबूत सिंह दांगी, नरेन्द्र भारद्वाज, साकेत रघुवंशी ने रोचक ढंग से प्रशिक्षण प्रदान किया। जिला संस्कृत प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ सारिका जैन ने बताया कि प्रशिक्षण डीईओ अशोक पवार के मार्गदर्शन तथा संस्कृत भारती के विभाग संयोजक महेन्द्र रघुवंशी के संयोजकत्व में आयोजित हुआ। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों को अपने विषय में नवाचार, नयी तकनीक, आकर्षक सामग्री और रोचक गतिविधियां कराने सरल अभ्यास बताए गए। संस्कृत भाषा में परिचय, गणना, दिनचर्या वस्तु परिचय के लिए अनेक तरीके बताए। सप्ताह के दिनों के नाम सरल वाक्यों के माध्यम से बताए गए। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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